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“रामचरितमानस- नफरत फैलाने वाला ग्रंथ हैं” -बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर अखिलेश यादव ने कही ये बात

  • by: news desk
  • 12 January, 2023
“रामचरितमानस- नफरत फैलाने वाला ग्रंथ हैं” -बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर अखिलेश यादव ने कही ये बात

लखनऊ: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व यूपी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि ,''विवेकानंद जी जाति व्यवस्था के खिलाफ थे, हमें उनके रास्ते पर चलना चाहिए। जो चीज़ समाज में दूरी पैदा करे, जो चीज़ भेदभाव पैदा करे हम उसके पक्ष में नहीं हैं|



दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि,''मनुस्मृति को क्यों जलाया गया क्योंकि उसमें एक बड़े तबके के खिलाफ अनेको गालियां दी गई। रामचरितमानस का क्यों प्रतिरोध हुआ और किस अंश का प्रतिरोध हुआ?. मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स... यह ग्रंथ नफरत फैलाने वाले ग्रंथ हैं। नफरत देश को महान नहीं बनाएगा, देश को मोहब्बत महान बनाएगा|



अखिलेश यादव से जब बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरित मानस पर दिए गए बयान को लेकर पूछा गया तो अखिलेश ने कहा कि ,मैंने उनके (चंद्रशेखर के) बयान बारे में नहीं पढ़ा है और ना ही सुना है| उन्होंने कहा,'' समय समय पर बहस होती रही है| 



अखिलेश ने कहा कि,''आज विवेकानंद जी की जयंती है | विवेकानंद जी के बारे में पढ़ेंगे तो जानेंगे वो अंधविश्वास के खिलाफ थे,  समाज में जो बुराइयां है थे, जाति व्यवस्था के खिलाफ थे|  इंक्लूसिव सोसाइटी (समावेशी समाज) कैसे बने इसके पक्ष में थे वो| उन्होंने कहा,''आज भी हमें उनके रास्ते पर चलना चाहिए। जो चीज़ समाज में दूरी पैदा करे, जो चीज़ भेदभाव पैदा करे हम उसके पक्ष में नहीं हैं|



शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद बुधवार (11 जनवरी) को बिहार की राजधानी पटना के बापू सभागार में आयोजित नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान चंद्रशेखर प्रसाद ने मंच से भाषण देते हुए कहा कि मनुस्मृति, राम चरित मानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाले ग्रंथ है।


अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए चंद्रशेखर प्रसाद ने पूछा कि आप भारत को ताकतवर नफरत से बनाएंगे या मोहब्बत से ? जब सभागार में बैठे बच्चों की ओर से आवाज आई ‘मोहब्बत से’, तो शिक्षा मंत्री ने अपने भाषण को जारी रखते हुए कहा कि देश में कुछ विचार ऐसे चले हैं जो नफरत फैलाना चाहते हैं और यह विचार आज के नहीं हैं बल्कि तीन हजार साल पहले जब मनुस्मृति लिखी गयी यह विचार वहीं से आए हैं।


चंद्रशेखर प्रसाद ने राम चरित मानस की चौपाई सुनाते हुए कहा कि यह ग्रंथ शूद्रों का अपमान करता है। यह ऐसा ग्रंथ है जो नफरत बोता है। उन्होंने कहा,'' बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि बाबा साहब ने मनुस्मृति को इसलिए जलाया था क्योंकि यह दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है। चंद्रशेखर प्रसाद  ने भाजपा-आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस और इससे जुड़े हुए लोग समाज में नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं। 




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