लखनऊ: अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सारे 32 आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर की गई है।
याचिका हाजी महबूब द्वारा दायर की गई है, जो अयोध्या सूट में याचिकाकर्ता रहे है। शुक्रवार को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत द्वारा मामले के सभी आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर की गई है।
6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरा दी गई थी|सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 साल तक चले इस मुक़दमे का फैसला 30 सिंतबर 2020 को दिया था| सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था| विशेष सीबीआई कोर्ट ने माना था कि 1992 बाबरी मस्जिद विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था|
30 सिंतबर 2020 को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर लाल कृष्ण आडवाणी के वकीलविमल श्रीवास्तव ने था कहा,''सभी आरोपी बरी कर दिए गए हैं, साक्ष्य इतने नहीं थे कि कोई आरोप साबित हो सके| वही,''बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा था,''कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है ये अच्छी बात है, हम इसका सम्मान करते हैं|