करनाल: हरियाणा के करनाल में किसान 28 अगस्त की हिंसा के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे| फिलहाल,''किसानों ने करनाल में मिनी सचिवालय का घेराव किया| करनाल जिला सचिवालय का घेराव करते हुए किसानों ने पक्का मोर्चा जमा लिया है। वहीं खाना, पानी और कपड़े मंगवाए हैं। लंबे संघर्ष की तैयारी है। राकेश टिकैत का कहना है कि न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि,अभी घेराव शुरू हुआ है, हमारा संकल्प था कि मिनी सचिवालय का घेराव करेंगे। हमने तमाम मुश्किलों के बाद घेराव कर लिया और अब हमारी पहली प्राथमिकता है कि हम घेराव को सफल करें और उसके बाद हम निर्णय लेंगे कि कितनी देर बैठना है|
राकेश टिकैत ने कहा कि,''हम अपने कपड़े और खाने का समान मिनी सचिवालय करनाल पर ही मंगा रहे है, आराम से बात करेंगे इनसे, जब तक न्याय नहीं जब तक रुकेंगे नहीं| राकेश टिकैत ने कहा कि,'' वाटर कैनन के बौछार से हरियाणा सरकार किसानों की आवाज को दबा नहीं सकती ।
राकेश टिकैत ने कहा था कि,''हम किसान साथियों समेत लघु सचिवालय करनाल में पहुंच चुके हैं पुलिस ने हिरासत में जरूर लिया था लेकिन युवाओं के जोश के आगे पुलिस को छोड़ना पड़ा, किसान साथियों के साथ सचिवालय पर उपस्थित हूं लड़ाई जारी रहेगी|
करनाल में आज किसानों पर वाटर कैनन चलने पर कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि,' मनोहर लाल खट्टर ने ये सोच लिया है कि मुझे किसानों पर इतना अत्याचार करना है कि किसान तौबा कर जाए। हरियाणा इस समय किसानों पर अत्याचार की धरती बन गई है:
किसानों ने पहले प्रशासन से प्रदर्शन की मंजूरी मांगी थी| जिसके बाद प्रशासन और किसान नेताओं में बातचीत हुई, लेकिन यह बातचीत विफल हो गई| जिसके बाद किसानों ने अनाज मंडी से मिनी सचिवालय की ओर कूच कर दिया| वहां पर किसानों ने पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ वाटर कैनन का इस्तेमाल किया|
किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर 28 अगस्त को करनाल में हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर उन्होंने मिनी सचिवालय का घेराव करने की धमकी दी थी।
किसानों के समर्थन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा- जहाँ हर-हर अन्नदाता, घर-घर अन्नदाता, वहाँ किस-किस को रोकोगे?