कलबुर्गी: कलबुर्गी (कर्नाटक): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कलबुर्गी के मलखेड़ में नव घोषित राजस्व गांवों के पात्र लाभार्थियों को टाइटल डीड (हक्कू पत्र) वितरित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ढोल बजाया। उन्होंने कहा,'कर्नाटक के लाखों बंजारा साथियों के लिए आज बहुत बड़ा दिन है, अभी 50,000 से अधिक परिवारों को पहली बार उनको हक्कू पत्र मिला है|
उन्होंने कहा,'कर्नाटक सरकार ने सुशासन और सद्भाव का वो रास्त चुना है जो सदियों पहले भगवान बस्वेश्वरा ने देश-दुनिया को दिया था। भगवान बस्वेश्वरा ने अनुभव मंडपम जैसे मंच से सामाजिक न्याय और लोकतंत्र का एक मॉडल दुनिया को दिया| समाज के हर भेद-भाव से ऊपर उठकर सबके सशक्तिकरण का मार्ग उन्होंने हमें दिखाया था|
उन्होंने कहा, "भगवान बसवेश्वर के आदर्शों से प्रेरित होकर हम सभी के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। हम लोगों को सशक्त बनाने के लिए एक स्पष्ट रणनीति के साथ काम कर रहे हैं"
प्रधानमंत्री ने कहा कि बंजारा समुदाय ने कठिन दिन देखे हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि वे सहजता और गरिमा के साथ जिएं। उन्होंने बंजारा समुदाय के युवाओं के लिए छात्रवृत्ति और आजीविका, पक्के घरों में मदद जैसे उपायों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि खानाबदोश जीवन शैली के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का भी समाधान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उठाए गए कदमों की सिफारिश 1993 में की गई थी, लेकिन वोट बैंक की राजनीति में इसमें देर हो गई। "लेकिन अब वह उदासीन माहौल बदल गया है",।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''दलित, पिछड़े, आदिवासी यही सबसे बड़ा वर्ग था जिसने कभी बैंक का दरवाजा भी नहीं देखा था। जनधन बैंक खातों ने करोड़ों वंचितों को बैंकों से जोड़ा है| उन्होंने कहा,'पहले की सरकार कुछ ही वन उपजों पर MSP देती थी जबकि हमारी सरकार 90 से अधिक वन उपजों पर MSP दे रही है।कर्नाटक सरकार के फैसले के बाद अब इसका लाभ भी तांडा में रहने वाले सभी परिवारों को मिलेगा|
उन्होंने कहा,'महिला कल्याण के लिए संवेदनशील हमारी सरकार आज नए-नए सेक्टर्स में उनके लिए अवसर बना रही है। आदिवासी कल्याण के लिए संवेदनशील हमारी सरकार आदिवासियों के योगदान और उनके गौरव को राष्ट्रीय पहचान देने का काम कर रही है| दिव्यांगों के अधिकारों और उनकी सुविधाओं से जुड़े अनेक प्रावधान भी बीते 8 वर्षों में किए गए हैं|