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सीएम अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान, क्या सरकार गिर जायेगी?

  • by: news desk
  • 12 July, 2020
सीएम अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान, क्या सरकार गिर जायेगी?

नई दिल्ली : राजस्थान में सियासी संकट उस समय बढ़ गया जब विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को ही एटीएस और एसओजी की ओर से पूछताछ का नोटिस भेज दिया गया| सचिन पायलट अपनी सरकार के इस कदम से काफी नाराज हो गए हैं|




पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने 10 जुलाई को उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र लिखकर राज्य में कांग्रेस सरकार को गिराने के कथित प्रयासों के संबंध में अपना बयान दर्ज करने के लिए उनकी उपलब्धता की मांग की थी।





अब सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि कहीं मध्यप्रदेश की कहानी राजस्थान में तो नहीं दोहराई जाएगी। दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और युवा उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान की खबरें सामने आ रही हैं।पायलट दिल्ली पहुंच चुके हैं और पार्टी के 24 विधायक हरियाणा के होटल में रुके हुए हैं। वहीं, खबरें सामने आ रही हैं कि विधायकों के फोन बंद आ रहे हैं और उन्होंने कथित तौर पर पार्टी के नेतृत्व से संपर्क तोड़ लिया है।



आपको बता दें सीएम गहलोत ने इस मामले की जांच के लिए एसओजी का गठन किया था और जो उनके ही अधीन है|इसलिए ये नोटिस एक तरह से दोनों के बीच चल रहे छत्तीस के आंकड़ों का नतीजा माना जा रहा है| हालांकि इस मामले में सीएम गहलोत से पूछताछ हो सकती है लेकिन इस बात को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है|





वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल बीजेपी पर आरोप लगाए थे कि राजस्थान की सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है|राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ''हमें कोरोना वायरस से लड़ने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और हम वही कर रहे हैं लेकिन वो (भाजपा) सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में हैं। अशोक गहलोत'ने कहा,'' मैंने हमेशा अपने प्रत्येक इंटरव्यू में यही कहा है कि हम सब साथ मिलकर इस लड़ाई को लड़ेंगे, लेकिन ये बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि यह बात भाजपा के समझ नही आ रही है। ये कोई न कोई आरोप लगाते ही रहते हैं| भाजपा सरकार और उसके नेताओं ने मानवता और इंसानियत की सारी हदें पार कर दी हैं। एक तरफ तो हम जीवन और आजीविका बचाने में लगे हुए हैं और दूसरी तरफ ये लोग हमारी सरकार को गिराने में लगे हुए हैं|




मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, हमारा ध्यान पूरी तरह से कोरोना की जंग में होना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर हम लोग हर रोज़ इस पर चर्चा भी कर रहे हैं और ये लोग सरकार कैसे गिरे या कैसे तोडफोड की जाए, उसमें लगे हुए हैं| "मेरे जितने भी साथी हैं सबको सरकार बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। जब वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे तब ये बात नहीं थी पर 2014 के बाद भाजपा को इतना घमंड आ गया है कि खुल के देश के सामने आकर धर्म, जाति के नाम पर लोकतंत्र की हत्या करने में लगी है|





 गहलोत ने कहा,''जब इनको मौका लगा इन्होंने हमारी सरकार नहीं बनने दी चाहे वो गोवा, मणिपुर या अरुणाचल प्रदेश हो। सारे विधायकों को खरीद लिया और सरकार बदल दी वहाँ पर और इन लोगों के कारण एक पूर्व मुख्यमंत्री को आत्महत्या भी करनी पड़ी|




मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा,''महाराष्ट्र में तो कमाल ही हो गया। बहुमत न होने पर भी सुबह-सुबह शपथ दिला दी गयी और प्रधानमंत्री जी ने भी सुबह 7 बजे शपथ लेते ही बधाई का ट्वीट भी कर दिया और देवेन्द्र फड़नवीस का जवाब आया कि मोदी है, तो मुमकिन है| मध्यप्रदेश में भी सबको मालूम है कि क्या-क्या हुआ। इनकी सोच ही दरअसल ऐसी है कि जो 5 साल तक काँग्रेस पार्टी के नेता थे, उन्हें चुनाव के दो महीने पहले भाजपा में शामिल कर लिया गया |




मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा,''अपनी कैबिनेट के कहने पर सरकार को गिराने के लिए राजस्थान में सतीश पूनिया जी, राजेन्द्र राठौड़ जी द्वारा जो खेल खेला जा रहा, ये तमाम बातें जनता के सामने आ चुकी हैं| हमारे यहाँ विधायकों ने कभी इस्तीफ़े नहीं दिए, हमारे विधायकों को खरीदकर आप कौनसी राजनीति करना चाहते हो...? राजस्थान के विधायक बिकने वाले नहीं हैं|




मुख्यमंत्री ने कहा,' ये इतने बेशर्म/तिकड़मी लोग हैं कि गुजरात में हमारे सात विधायकों को खरीद लिया और दो सीटें जीत गए और उसी में गर्व महसूस करते हैं। राजस्थान में हमने इनकी चाल चलने नहीं दी, पर मानने वाले कहाँ है। ये वापस अपने असली रंग में आ रहे हैं| 70 साल में काँग्रेस के नेताओं ने इस देश को, इस देश के लोकतंत्र को बचाए रखा है। इस देश का ये बहुत लंबा इतिहास रहा है|









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