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विधानसभा सत्र से पहले CM गहलोत ने की सभी MLAs से अपील, 'लोकतंत्र को बचाने और गलत परंपराओं से बचने के लिए सुनें लोगों की आवाज

  • by: news desk
  • 09 August, 2020
विधानसभा सत्र से पहले CM गहलोत ने की सभी MLAs से अपील, 'लोकतंत्र को बचाने और गलत परंपराओं से बचने के लिए सुनें लोगों की आवाज

जयपुर:राजस्थान में विधानसभा सत्र 14 अगस्त से शुरू होगा| ऐसे में सत्र से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी विधायकों के नाम एक चिट्ठी लिखकर उनसे सच्चाई का साथ देने और लोकतंत्र बचाने की अपील की है| राजस्थान में महीने से चल रहे राजनीतिक उथल पुथल के बीच अब नया मोड़ सामने आया है। बदलते घटनाक्रम में अब प्रदेश की विपक्षी पार्टी भाजपा को अपनी पार्टी में ही टूट का डर सताने लगा है। यही कारण है कि पार्टी ने शनिवार को अपने 12 विधायकों को राजस्थान से निकालकर गुजरात भेज दिया है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से ही भाजपा को खतरा पैदा हो गया है। राजे इन दिनों दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं के साथ मुलाकात कर रही हैं।




एक तरफ जहां कांग्रेस अपने विधायकों को रिसॉर्ट में ठहरा कर किसी भी तरह उन्हें एकजुट रखने में लगी है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने भी अपने विधायकों को गुजरात शिफ्ट करना शुरू कर दिया है| गौरतलब है कि राजस्थान में 14 अगस्त से विधानसभा का नया सत्र शुरू होने वाला है। ऐसे में स्थानीय मीडिया के अनुसार भाजपा अपने विधायकों की तालाबंदी कर सकती है। इस दौरान पार्टी अपने विधायकों के होटलों में रहने का इंतजाम कर सकती है।




राज्य में लगातार बढ़ते राजनीतिक घटनाक्रम में अब राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने राज्य के सभी विधायकों को पत्र लिखा है| सभी विधायकों से अपील करते हुए सीएम गहलोत ने कहा,''सभी विधायकों से मेरी अपील है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए, हम पर लोगों का विश्वास बनाए रखने और गलत परंपराओं से बचने के लिए, आपको लोगों की आवाज सुननी चाहिए।




आप शायद किसी भी राजनीतिक दल के एक विधायक हैं, लेकिन आपको अपने अन्य सहयोगियों, परिवार के सदस्यों और अपने क्षेत्र के मतदाताओं की भावनाओं को समझने का फैसला करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जनता द्वारा चुनी गई बहुमत सरकार राजस्थान के हित के लिए मजबूती से और कुशलता से काम कर सके। और कि सरकार को अस्थिर करने का प्रयास सफल न हो। मुझे विश्वास है कि राज्य के लोगों के बड़े हित में, आप सच्चाई के पक्ष में होंगे और राज्य के विकास और समृद्धि के लिए लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में सहयोग करेंगे।




सीएम ने पत्र में लिखा है कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है और जनता का फैसला ही शिरोधार्य होता है| यही हमारी परम्परा रही है| अशोक गहलोत ने कहा है कि वर्तमान में जो सियासी घटनाक्रम चल रहा है, उसे लेकर षड़यंत्र रचने वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जनता में भयंकर आक्रोश है| सीएम गहलोत सभी विधायकों से अपील की है कि जनता का विश्वास बरकरार रखने और गलत परम्पराओं से बचने के लिए उन्हें आम लोगों की आवाज सुननी चाहिए| उन्होंने कहा कि परिवारजनों और अपने क्षेत्र की जनता की भावनाओं को समझकर वे यह सुनिश्चित करें कि चुनी हुई सरकार अपना काम करती रहे और सरकार को अस्थिर करने के मंसूबे कामयाब न हो सके|



 मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने पत्र में राज्य सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं| सीएम ने लिखा है कि पिछले डेढ़ साल में सरकार ने प्रदेश में विकास और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का हर संभव प्रयास किया है| उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार के फैसलों की हर तरफ तारीफ हुई है|कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने में भी राज्य सरकार मुस्तैदी से जुटी हुई है, लेकिन ऐसी परिस्थितियों में भी चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का षड़यंत्र रचा जा रहा है|




उन्होंने लिखा कि इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता भी चुनाव हारे लेकिन लेकिन उन्होंने राजनीतिक मर्यादाओं और संवैधानिक मूल्यों को कभी कमजोर नहीं होने दिया| सीएम ने लिखा कि जनता से चुनकर आने वाले नुमाइंदे चाहे वे किसी भी गुट से हो हम उनका सम्मान करते हैं और उनके क्षेत्र की जायज मांगों को बिना भेदभाव के पूरा करवाने का प्रयास करते हैं| आगामी विधानसभा सत्र से पहले सीएम द्वारा लिखे गए इस पत्र के कई मायने निकाले जा रहे हैं|






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सीएम ने लिखा कि तोड़फोड़ कर और खरीद-फरोख्त के जरिए चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना न्यायोचित नहीं है, साथ ही यह लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ भी है| अपने पत्र में सीएम ने यह भी लिखा है कि 1993-98 के दौरान जब राजस्थान में ऐसी ही स्थिति बनी थी तब उन्होंने केन्द्रीय राज्यमंत्री और पीसीसी चीफ होने के नाते तत्कालीन राज्यपाल बलिराम भगत और तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव से मिलकर इसका विरोध जताया था| सीएम ने लिखा कि जब कोरोना महामारी विकराल रुप धारण कर रही है, तो ऐसे समय में हमारे कुछ साथी और विपक्ष के कुछ नेता मिलकर चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है|









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उधर, भाजपा के लिए राजस्थान में एक और नई मुसीबत खड़ी हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी-शाह से नाराजगी की वजह से भाजपा नेता और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री अपनी नई पार्टी बना सकती हैं। ऐसी अटकलें हैं कि राजे इस वक्त पार्टी से नाराज चल रही हैं और भाजपा के 46 विधायकों को साथ लेकर नई पार्टी का एलान कर सकती हैं।






कहा जा रहा है कि इस बार राजे राजस्थान भाजपा की ओर से जारी की गई प्रदेश पदाधिकारियों की ताजा सूची से नाराज हैं। इस सूची में वसुंधरा के करीबियों को कम और विरोधी खेमे के लोगों को अधिक पदों पर नियुक्त किया गया है।




लंबे समय से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा हाईकमान वसुंधरा राजे से नाराज है और प्रदेश में उनकी जगह किसी और को नेतृत्व देना चाहता है। इतना ही नहीं मोदी और शाह की जोड़ी भी वसुंधरा राजे से नाखुश बताई जा रही है। हालांकि इन सबके बावजूद राजे के साथ भाजपा नेताओं का बड़ा समर्थन होने की वजह से पार्टी को हर बार उनके सामने झुकना पड़ा है।










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