नई दिल्ली: लगातार सुर्खियों में चल रहे युवा लेखक अंशुमन भगत को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के खिताब से भी नवाजा गया। एक और बड़ी उपलब्धी के साथ लेखक अंशुमन ने, न केवल जमशेदपुर का बल्कि पूरे झारखंड का नाम भी रौशन किया। अंशुमन भगत जो आज के मौजूदा हालात में युवाओं के लिए प्रेरणा बनते जा रहे है। उन्हें कुछ ही दिनों पहले ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड का खिताब भी मिला था। लगातार दूसरी बार एक और खिताब अपने नाम कर उन्होंने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। इस देश में पिछले एक सालों से भी अधिक समय से कोरोना महामारी ने अपना कहर मचा रखा है। इसी बीच युवा लेखक ने अपने विचारों को पुस्तक के माध्यम से लोगो तक पहुंचाया ताकि लोगो का मनोबल बना रहे और युवा अपने कार्य क्षेत्र में अपना ध्यान केंद्रित कर सके।
अंशुमन का मानना है कि हर किसी के जीवन में कठिनाइयां होती है, कोई भी व्यक्ति सफल होकर जन्म नहीं लेता, सफल होने के लिए जीवन में कठिन परिश्रम और कई त्याग करने पड़ जाते हैं। और यह जरूरी है कि कुछ बेहतर प्रयास करते रहे, जिसके लिए अच्छे और सकारात्मक सोच का होना आवश्यक है जिससे ऊर्जा मिलती रहे। हमारे समाज में दो तरह के लोग होते हैं, पहले वे जो अपने पूर्वजों की संपत्ति का प्रयोग कर आगे बढ़ते हैं, उन्हें आधा सहयोग बनी बनाई मिलती है और दूसरे वे जिन्हें सब कुछ शून्य से शुरुआत करनी पड़ती है, ऐसे में व्यक्ति को अपने हालातों से समझौता करने के बजाए अपना ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत पड़ती है फिर चाहे हालात कुछ भी क्यों न हो। हमें सफल बनने से कोई नहीं रोक सकता बस आपके इरादे मजबूत होने चाहिए।
यह रिकॉर्ड पुस्तक में विचारों का सबसे बड़ा संग्रह लिखने का ("लार्जेस्ट कलेक्शन ऑफ थॉट्स रिटेन इन ए बुक") रिकॉर्ड जमशेदपुर, झारखंड के युवा लेखक अंशुमन भगत (7 मार्च, 1996 को जन्म) ने बनाया है। 'योर ओन थॉट् : ए लॉट ऑफ थॉट्स' शीर्षक वाली पुस्तक, अंग्रेजी और हिंदी में लिखे गए कोट्स, प्रेरणात्मक विचारों का एक संग्रह है जो पाठक को सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। पुस्तक का पहला संस्करण 2018 में इनविंसिबल प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित किया गया था, जैसा कि 28 मई, 2021 को इसकी पुष्टि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' के संपादकीय बोर्ड द्वारा किए गए सत्यापन के अनुसार, केवल सर्वश्रेष्ठ को चुना गया है और यह झारखंड के जमशेदपुर शहर के युवा लेखक अंशुमन भगत के पुस्तक को मिली है।
अंशुमन को मिली यह रिकॉर्ड इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स पब्लिकेशन में शामिल होगा, जिसमें प्रत्येक उपलब्धि हासिल करने वाले के लिए शीर्षक अनन्य रहेगा। साक्ष्य और बुक रिकॉर्ड डेटाबेस के सावधानीपूर्वक सत्यापन के साथ एक व्यापक जांच के बाद विसंगतियों के लिए कोई गुंजाइश नहीं होने के बाद शीर्षक और सहायक मामले को रिकॉर्ड लेखन प्रारूप के अनुसार तैयार किया गया है।