नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव और सांसद जयराम रमेश ने कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक आरोपी को बचाने के लिए चल रही जांच में जानबूझकर हस्तक्षेप किया है। उन्होंने गंभीर अपराधों के दोषी व्यक्ति को न्याय संगत जांच से बचाने के लिए बिना किसी कारण या स्पष्टीकरण के राज्य तंत्र को तैनात किया।
कांग्रेस महासचिव और सांसद जयराम रमेश ने सवाल किया, ‘‘ ऐसा क्या रहस्य है, जिसके इस जांच के माध्यम से उजागर होने के डर से उनके राजनीतिक आकाओं के हाथ-पैर फूल गए हैं?
उन्होंने कहा,‘‘गिरफ्तारी का वारंट एक सक्षम न्यायालय द्वारा सार्वजनिक रुप से उपलब्ध तथ्यों के साथ किए गए आवेदन के आलोक में जारी किया गया था। क्या भाजपा यह दावा कर सकती है कि न्यायालयों का भी राजनीतिकरण हो गया है? भाजपा अगर आरोपियों को बचाने के लिए इतनी उत्सुक है, तो इसके लिए अदालत का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाती?
जयराम रमेश ने कहा,‘‘यह उत्तर प्रदेश पुलिस और उनके राजनीतिक आकाओं द्वारा न्यायालय के वारंट की स्वेच्छापूर्ण अवमानना का कृत्य है। ऐसा दूसरी बार हुआ है जब आदतन अपराधियों को वैध कानूनी जांच और विवेचना से बचाने के लिए भाजपा ने पुलिस बल को तैनात किया है। ये कौन सा गठजोड़ है जिसका पर्दाफाश होने से भाजपा डर रही है? भाजपा क्यों नहीं चाहती कि फेक न्यूज और झूठी पत्रकारिता के ऐसे पैरोकारों की जिम्मेदारी निर्धारित की जाए, जो गंभीर नागरिक अशांति का कारण बन सकते हैं?
जयराम रमेश ने कहा,‘‘भाजपा ने सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग से कानून संगत पुलिस जांच में बाधा डालकर दोषियों को बचाने की कला में भी महारथ हासिल कर ली है, जबकि इन्हीं एजेंसियों का निर्दोष लोगों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता
कांग्रेस सांसद ने कहा,‘‘भाजपा के द्वारा गंभीर अपराधों के आरोपी व्यक्ति की सेवा में देश की संस्थाओं को अधीनस्थ के रूप में खड़ा करना साबित करता है कि उनके लिए राष्ट्र हित, उनके राजनीतिक हितों के सामने कोई मायने नहीं रखता। इसके लिए हमारी उनको यही चेतावनी है|
गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ पुलिस ज़ी न्यूज़ के एंकर रोहित रंजन के खिलाफ दर्ज़ प्राथमिकी के सिलसिले में उनके घर उन्हें गिरफ़्तार करने पहुंची थी। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक वीडियो बयान को ग़लत तरीके से उद्धृत किया था|
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zee News के एंकर रोहित रंजन को गिरफ़्तार करने गाज़ियाबाद पहुंची छत्तीसगढ़ पुलिस और यूपी पुलिस में जोरदार बहस और धक्का-मुक्की | छत्तीसगढ़ पुलिस एंकर को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही थी, जबकि गाजियाबाद में पुलिस एंकर को कहीं ओर लेकर निकल गई|छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई, लेकिन उसने कहा कि उसने रंजन को गिरफ्तारी वारंट दिखाया और उनसे जांच में सहयोग मांगा।
सभी बड़े आतंकी/सांप्रदायिक घटनों में आरोपियों/मास्टरमाइंड का BJP के साथ जरूर रिश्ता रहता है