Ram Bahal Chaudhary,Basti
Share

किसान आंदोलन पर बोले केंद्रीय मंत्री- किसानों को डरा रही हैं 'माओवादी और नक्सल ताक़तें', किसी किसान नेता में हिम्मत ही नहीं बन पा रही

  • by: news desk
  • 12 December, 2020
किसान आंदोलन पर बोले केंद्रीय मंत्री- किसानों को डरा रही हैं 'माओवादी और नक्सल ताक़तें', किसी किसान नेता में हिम्मत ही नहीं बन पा रही

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर के किसानों की नाराजगी और विरोध लगातार देखने को मिल रहा है।  तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 17वां दिन है। कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि,'किसानों के अंदर ऐसा डर का माहौल 'माओवादी और नक्सल लोगों ने बना दिया है कि जो किसान नेता असल मुद्दों की बात करना भी चाहते हैं तो किसी में हिम्मत ही नहीं बन पा रही है क्योंकि ये डरा देते हैं|



शनिवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि,'भारत सरकार के द्वार 24 घंटे किसानों के लिए खुले हैं। मैं समझता हूं कि अगर ये किसान आंदोलन माओवादी और नक्सल ताकतों से मुक्त हो जाए, तो हमारे किसान भाई-बहन जरूर समझेंगे कि किसान के ये बिल उनके और देशहित के लिए हैं|उन्होंने आगे कहा कि,''सबका विश्वास रहता है कि हमारे लीडर हमारा ध्यान रखेंगे पर शायद यहां ऐसे लीडर हैं ही नहीं। ऐसा डर का माहौल इन नक्सल लोगों ने बना दिया है कि जो किसान नेता असल मुद्दों की बात करना भी चाहते हैं तो किसी में हिम्मत ही नहीं बन पा रही है क्योंकि ये डरा देते हैं|




पीयूष गोयल ने कहा कि,मैं समझता हूं कि विपक्ष के 18 दलों ने मिलकर कोशिश कर ली पर भारत नहीं बंद हुआ। भारत चलेगा, भारत और तेज़ चलेगा, दौड़ेगा। ये विश्वास आज देश में है| उन्होंने कहा कि,''लोग समझते हैं कि पीएम मोदी जी नए और आत्मनिर्भर भारत के लिए काम कर रहे हैं, किसानों की आय दोगुनी करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए ... 18 दलों की कोशिश के बाद भी भारत बंद सफल नहीं रहा ... 'भारत चलेगा, भरत और तेज़ चलेगा, दौड़ेगा|




केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि,'हम भारत के किसानों पर पूरी तरह भरोसा करते हैं, वे शांतिप्रिय हैं और वे हमारे 'अन्नदाता' हैं। हम उनका सम्मान करते हैं और हमें विश्वास है कि वे देश भर में माओवादी और नक्सल ताकतों को प्रभावित नहीं होने देंगे| 18 विपक्षी दलों ने एक बंद करने की कोशिश की, लेकिन बुरी तरह विफल रहे ... मुझे अपने किसानों पर भरोसा है कि वे इन माओवादियों और नक्सलियों के प्रभाव से बाहर निकलेंगे, हमारे साथ चर्चा करेंगे और उनकी चिंताओं का समाधान खोजेंगे|




पीयूष गोयल ने कहा कि,''देशभर में किसान खुश हैं उन्हें दिख रहा है कि नया निवेश आएगा, इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा, रोज़गार के नए अवसर बनेंगे। इन सब अवसरों से माओवादी ताक़तें किसानों को वंचित रखना चाहती हैं| उन्होंने कहा कि,'मैं सभी पॉलिटिकल पार्टियों से डिमांड करता हूं कि उन्हें किसानों को भ्रमित कर उनके कंधों पर एक आंदोलन के रास्ते को प्रोपागेट करने की बजाय इन माओवादी-नक्सल ताक़तों से देश को भली भांति अवगत करवाना चाहिए|




पीयूष गोयल ने कहा कि,''किसानों के साथ चर्चा करने के लिए केंद्र 24 घंटे तैयार है। अगर किसान आंदोलन को माओवादियों और नक्सलियों से  मुक्त हो जाए, तो हमारे किसान निश्चित रूप से समझेंगे कि कानून देश के हित में हैं: इसके बाद भी अगर उन्हें कोई संदेह है, तो हम बातचीत के लिए खुले हैं| मुझे विश्वास है कि अधिकांश किसान कानूनों के साथ खड़े हैं, उनमें से कुछ के पास कुछ Reservations थे जो बातचीत के माध्यम से हल किए गए थे। एक बिंदु डालने के बाद तालिका छोड़ने से कोई समाधान कभी नहीं मिलता है, यह दर्शाता है कि आंदोलन उनके हाथों से बाहर निकल गया है|






आप हमसे यहां भी जुड़ सकते हैं
TVL News

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें : https://www.facebook.com/TVLNews
चैनल सब्सक्राइब करें : https://www.youtube.com/TheViralLines
हमें ट्विटर पर फॉलो करें: https://twitter.com/theViralLines
ईमेल : thevirallines@gmail.com

You may like

स्टे कनेक्टेड

विज्ञापन