नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कल सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला देगा| सुप्रीम कोर्ट कल 'सेंट्रल विस्टा परियोजना' के पुनर्विकास की केंद्र की योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा।
कल सुबह 10.30 बजे जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच तय करेगी कि परियोजना पर आगे काम होगा या नहीं|फिलहाल कोर्ट ने परियोजना के काम पर रोक लगा रखी है| सेंट्रल विस्टा परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर 2020 को फैसला सुरक्षित रखा था| तब कोर्ट ने कहा था, “हम इस दलील को खारिज करते हैं कि सेंट्रल विस्टा में कोई नया निर्माण नहीं हो सकता|
7 दिसंबर 2020 को कोर्ट ने इस बात पर संज्ञान लिया कि उसका फैसला लंबित होने के बावजूद सरकार परियोजना का काम बढ़ा रही है| 7 दिसंबर को याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 'जिस तरह से केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया है' उस पर अपनी नाराजगी जताई है।
कोर्ट ने कहा था कि जब तक सर्वोच्च न्यायालय कोई फैसला न सुना दे, तब तक कोई निर्माण कार्य या तोड़फोड़ नही होनी चाहिए| सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में कोई निर्माण, विध्वंस या पेड़ों की कटाई नहीं होगी।
अदालत ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा था कि आपने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर निर्माण की तारीख तय की है। इसपर आगे कोई काम नहीं होना चाहिए। हमें शिलान्यास से कोई परेशानी नहीं है लेकिन किसी तरह का निर्माण नहीं होना चाहिए। फिलहाल कोर्ट ने 10 दिसंबर को होने वाले नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम को मंजूरी दे दी थी|
10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधिवत भूमि पूजन के बाद नए संसद भवन की आधारशिला रख दी थी। पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन की शिलान्यास भूमि पूजन के बाद लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने भूमि पूजन सामग्री अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की स्मृति पट्टिका का अनावरण किया था। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को परियोजना का अनुबंध दिया गया है।