नई दिल्ली: यूपी में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला मामले में आये इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को बीजेपी पर करारा हमला बोला है| राहुल गांधी ने कहा कि,'' उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला आरक्षण व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाली भाजपा सरकार की साजिशों को करारा जवाब है|'' उन्होंने कहा कि,'' ‘पढ़ाई’ करने वालों को ‘लड़ाई’ करने पर मजबूर करने वाली भाजपा सरकार सही मायने में युवाओं की दुश्मन है।''
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,''69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आरक्षण व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वाली भाजपा सरकार की साजिशों को करारा जवाब है। यह 5 वर्षों से सर्दी, गर्मी, बरसात में सड़कों पर निरंतर संघर्ष कर रहे अमित मौर्या जैसे हज़ारों युवाओं की ही नहीं, सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले हर योद्धा की जीत है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि,''आरक्षण छीनने की भाजपाई ज़िद ने सैकड़ों निर्दोष अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में धकेल दिया है। पांच साल ठोकरें खा कर बर्बाद होने के बाद जिनको नई सूची के ज़रिए नौकरी मिलेगी और जिनका नाम अब चयनित सूची से कट सकता है, दोनों की ही गुनहगार सिर्फ भाजपा है।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि,‘पढ़ाई’ करने वालों को ‘लड़ाई’ करने पर मजबूर करने वाली भाजपा सरकार सही मायने में युवाओं की दुश्मन है।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपने पोस्ट में फ़रवरी 21, 2024 के ट्वीट को रीट्वीट किया है, जिसमें लिखा है कि,‘यूपी का 69,000 शिक्षक भर्ती घोटाला भाजपा की आरक्षण विरोधी मानसिकता का सबूत है। बेसिक शिक्षा नियमावली, 1981 और आरक्षण नियमावली, 1994 को ताक पर रख कर भाजपा सरकार ने दलितों और पिछड़ों का हक़ उनसे छीन लिया।
राहुल गांधी ने आगे लिखा था,'' पीड़ित छात्र मुझसे मिले और बताया कि इस भर्ती में OBC वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% आरक्षण मिला और SC वर्ग को 21% की जगह मात्र 16.6% आरक्षण मिला। यह अनियमितता लगभग 19 हज़ार पदों से जुड़ी है और मूल सूची न बनाना इस पूरी भर्ती प्रक्रिया को संदेह के घेरे में लाता है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के बाद जिन 6,800 अभ्यर्थियों की लिस्ट निकाली गई, वह भी दो वर्षों से नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आरक्षण प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ एक गंभीर विषय है। अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे इन युवाओं को मेरा समर्थन है, इस पूरे मामले की जांच हो और इन्हें न्याय मिले।''
कर्नल रोहित चौधरी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,''राहुल गांधी जी का साथ मिला व आज कोर्ट से न्याय भी मिला ! "भारत जोड़ों न्याय यात्रा" में जननायक राहुल गांधी जी से 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण से पीड़ित युवाओं ने मुलाकात की थी। युवा भावुक थे, उनकी आंखों में आसूं थे, न्याय की उम्मीद थी। राहुल जी ने लगातार इस मुद्दे को उठाया। योगी सरकार "आरक्षण घोटाले" को मानने को तैयार नहीं थी। लेकिन आज इलाहबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले ने भर्ती में घोटाला होने की मोहर लगा दी। कोर्ट ने तीन महीने में आरक्षण नियम की पालना कर फिर से नई मेरिट लिस्ट बनाने के आदेश दिए हैं।
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69000 सहायक शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला मामले में राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती-2028 को रद्द कर दिया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में 69,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नई चयन सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, अदालत ने आरक्षित वर्ग से संबंधित 6,800 उम्मीदवारों की 5 जनवरी, 2022 की चयन सूची को रद्द करने के एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखा- (कोर्ट ने पीठ के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें 5 जनवरी, 2022 को आरक्षित वर्ग के 6,800 उम्मीदवारों की चयन सूची रद्द कर दी गई थी)