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चीनी सैनिकों के 'अतिक्रमण' से जुड़े दस्तावेज को रक्षा मंत्रालय ने वेबसाइट से हटाया, राहुल गांधी का PM मोदी पर हमला

  • by: news desk
  • 06 August, 2020
चीनी सैनिकों के 'अतिक्रमण' से जुड़े दस्तावेज को रक्षा मंत्रालय ने वेबसाइट से हटाया, राहुल गांधी का PM मोदी पर हमला

नई दिल्ली:  रक्षा मंत्रालय की ओर से दस्तावेज हटाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा|  राहुल गांधी ने कहा,"चीन के खिलाफ खड़े होने की बात तो भूल जाइए, प्रधानमंत्री के पास चीन का नाम लेने तक का साहस नहीं है|चीन के हमारे क्षेत्र में होने की बात से इनकार करने और वेबसाइट से दस्तावेजों को हटाने से तथ्य नहीं बदलेंगे|




दरअसल,'' रक्षा मंत्रालय ने भी माना है कि 5 मई, 2020 के बाद से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) और विशेष रूप से गालवान घाटी में चीन का अतिक्रमण काफी बढ़ा है|5 और 6 मई को ही पैंगोंग त्सो में भारत और चीन की सेना के बीच में झड़प हुई थी|चीनी पक्ष 17 -18 मई, 2020 को कुंगरांग नाला, गोगरा और पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट के क्षेत्रों में घुसपैठ की थी| रक्षा मंत्रालय ने जून में हुईं प्रमुख गतिविधियों को लेकर जारी किए गए दस्तावेजों में कही है|





जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा- "चीन का सामना करना तो दूर की बात, भारत के प्रधानमंत्री में उनका नाम तक लेने का साहस नहीं है। इस बात से इनकार करना कि चीन हमारी मातृभूमि पर है और वेबसाइट से दस्तावेज़ हटाने से तथ्य नहीं बदलेंगे। बता दें,कि''दस्तावेज में पहली बार आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार किया गया था कि चीनी सैनिकों ने मई में पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी और मौजूदा गतिरोध अभी और लंबा खिंचेगा।





भारत और चीन के बीच सीमा विवाद गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद से काफी बढ़ा है| दोनों देशों के बीच बातचीत चालू है, लेकिन फिलहाल इस विवाद का कोई हल नहीं निकल पाया है| इस बीच रक्षा मंत्रालय ने भी माना है कि 5 मई, 2020 के बाद से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) और विशेष रूप से गालवान घाटी में चीन का अतिक्रमण काफी बढ़ा है| 5 और 6 मई को ही पैंगोंग त्सो में भारत और चीन की सेना के बीच में झड़प हुई थी|




रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर एक डॉक्यूमेंट अपलोड किया था, जिसके मुताबिक, लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना के अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ीं| साइट पर अपलोड किए गए इस डॉक्यूमेंट में मंत्रालय ने स्वीकार किया था कि मई महीने से चीन लगातार पर अपना अतिक्रमण बढ़ाता जा रहा है, खासतौर से गलवान घाटी पैंगोंग त्सो गोगरा हॉट स्प्रिंग जैसे क्षेत्रों में|




5 और 6 मई को ही पैंगोंग त्सो में भारत और चीन की सेना के बीच में झड़प हुई थी| 5 मई 2020 के बाद से विशेष रूप से गैलवान घाटी में एलएसी के साथ चीनी आक्रमण बढ़ रहा है| चीनी पक्ष 17 -18 मई, 2020 को कुंगरांग नाला, गोगरा और पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट के क्षेत्रों में घुसपैठ की थी| रक्षा मंत्रालय ने जून में हुईं प्रमुख गतिविधियों को लेकर जारी किए गए दस्तावेजों में कही है|




 दस्तावेज में कहा गया है कि गतिरोध लंबे समय तक जारी रह सकता है और पैदा हो रही स्थिति में त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता हो सकती है।बता दें कि गलवां घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। जिसमें कर्नल रैंक के अधिकारी भी शामिल थे। वहीं चीनी सेना को भी नुकसान पहुंचा था लेकिन चीन ने अपने सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया है।





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