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“....आने वाली पीढ़ियों के लिए ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे”: प्रधानमंत्री ने 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर A&N Islands के 21 अनाम द्वीपों का नामकरण किया

  • by: news desk
  • 23 January, 2023
“....आने वाली पीढ़ियों के लिए ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे”: प्रधानमंत्री ने 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर A&N Islands के 21 अनाम द्वीपों का नामकरण किया

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने हेतु आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया।  



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,''अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण हुआ है। इन 21 द्वीपों को 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा। जिस द्वीप पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस रहे थे वहां पर उनके जीवन और योगदानों को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक का अनावरण किया गया है| आज के इस दिन को आजादी के अमृत काल के एक महतपूर्ण अध्याय के रूप में आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी। हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे। मैं सभी को इसके लिए बहुत बहुत बधाई देता हूं|



उन्होंने कहा,'आज 21वीं सदी का ये समय देख रहा है कि कैसे जिन नेताजी सुभाष को आजादी के बाद भुला देने का प्रयास हुआ, आज देश उन्हीं नेताजी को प्रतिपल याद कर रहा है| अंडमान में जिस जगह नेता जी ने सबसे पहले तिरंगा फहराया था वहां आज गगनचुंबी तिरंगा आजादी हिन्द फौज के पराक्रम का गुणगान कर रहा है। समंदर किनारे लहराते तिरंगे को देख, यहां आने वाले लोगों में देशभक्ति का रोमांच बढ़ जाता है|



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,'दशकों से नेताजी के जीवन से जुड़ी फाइलों को सार्वजानिक करने की मांग हो रही थी, यह काम भी देश ने पूरी श्रद्धा के साथ आगे बढ़ाया। आज हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं के सामने 'कर्तव्य पथ' पर नेताजी की भव्य प्रतिमा हमें हमारे कर्तव्यों की याद दिला रही है|


उन्होंने कहा,'अंडमान की ये धरती वो भूमि है, जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था। इस धरती पर पहली आजाद भारतीय सरकार का गठन हुआ था। इस सबके साथ अंडमान की इस धरती पर वीर सावरकर और उनके जैसे अनगिनत वीरों ने  देश के लिए बलिदानों की पराकाष्ठा को छुआ था| सेल्यूलर जेल की कोठरियों से आज भी अप्रतिम पीड़ा के साथ-साथ उस अभूतपूर्व जज़्बे के स्वर सुनाई पड़ते हैं|



प्रधानमंत्री ने कहा,''जिन 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान-निकोबार के इन द्वीपों को अब जाना जाएगा, उन्होंने मातृभूमि के कण-कण को अपना सब-कुछ माना था| 21 द्वीपों के नामकरण में भी गंभीर संदेश छिपे हैं। ये संदेश है- 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का संदेश। ये संदेश है- 'देश के लिए दिये गए बलिदान की अमरता का संदेश। और, ये संदेश है- भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य और पराक्रम का संदेश|



प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,'' हर मौके और हर मोर्चे पर हमारी सेनाओं ने अपने शौर्य को सिद्ध किया है। ये देश का कर्तव्य था कि राष्ट्र रक्षा के अभियानों में स्वयं समर्पित करने वाले जवानों को व्यापक स्तर पर पहचान दी जाए। आज जवानों और सेना के नाम से देश को पहचान दी जा रही है| करगिल युद्ध में ये दिल मांगे मोर का विजयघोष करने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा के नाम पर अंडमान में एक पहाड़ी भी समर्पित की जा रही है| उन्होंने कहा,मेजर सोमनाथ शर्मा, पीरू सिंह, मेजर शैतान सिंह से लेकर कैप्टन मनोज पांडे, सूबेदार जोगिंदर सिंह और लांस नायक अल्बर्ट एक्का तक, वीर अब्दुल हमीद और मेजर रामास्वामी परमेश्वरन से लेकर सभी 21 परमवीर, सबके लिए एक ही संकल्प था- राष्ट्र सर्वप्रथम|




गृह मंत्री अमित शाह ने कहा,''आज का दिन भारतीय सेना के तीनों अंगों के लिए महत्वपूर्ण दिन है। आज प्रधानमंत्री जी की ये पहल कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों को हमारे 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम के साथ जोड़कर उनकी स्मृति को चीरंजीव करने का प्रयास किया गया है| शाह ने कहा,'''जब देश की आजादी आगे बढ़ी और देश को नेताजी ने आजाद हिंद फौज के प्रयास से आजाद कराने का प्रयास किया तब भी इसी हिस्से को देश में सबसे पहले स्वतंत्रता प्राप्त करने का सम्मान मिला और नेताजी के हाथ से इसी द्वीप पर अपना तिरंगा पहली बार लहराया गया|



गृह मंत्री शाह ने कहा,''यह दुर्भाग्य रहा कि सुभाष बाबू को भुलाने का बहुत प्रयास किया गया मगर कहते हैं कि जो जो वीर होते हैं वो अपनी स्मृति के लिए किसी के मोहताज नहीं होते हैं। वो स्मृति उनकी वीरता के साथ ही होती है| नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद सम्मान के साथ देश के गौरव के समान सुभाष बाबू की मूर्ति लगाने का काम किया। आज के दिन को पराक्रम दिन घोषित करने का काम किया|






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