नई दिल्ली: 26 मई को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए किसान आंदोलन को छह महीने पूरे हो गए है| तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए किसान आंदोलन को 26 मई को छह महीने पूरे होने पर किसान संगठनों ने काला दिवस मनाया है। किसानों द्वारा 'काला दिवस' मनाने पर भाजपा ने कहा,'''किसान आंदोलन का किसानों पर कोई प्रभाव नहीं है| देश का किसान इस आंदोलन में शामिल नहीं है|
किसानों द्वारा 'काला दिवस' मनाने पर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा,''आंदोलन के साथ कितने किसान जुड़े हुए हैं, ये हमने देख लिया। हम नहीं समझते की देश का किसान इस आंदोलन में शामिल है। मुझे नहीं लगता कि किसान आंदोलन का किसानों पर कोई प्रभाव है|
किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर किसानों ने बुधवार को काला दिवस मनाया। किसानों ने अपने घरों व वाहनों पर काला झंडा लगाया। किसानों ने अपने घरों और वाहनों पर काला झंडा लगाया। उधर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के निवास पर भी काला झंडा लहराता नजर आए।
वही यूपी गेट पर काला दिवस मनाने के दौरान भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंच से किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आंदोलन को छह माह पूरे हो गए। यदि छह महीने में भी सरकार किसानों से बात नहीं करती तो इसका मतलब यह है कि आंदोलन लंबा चलेगा।
उन्होंने कहा कि किसान कभी भी सरकार के पुतले फूंकने में विश्वास नहीं रखता था मगर अब सरकार ने मजबूर कर दिया। काला दिवस के दिन यूपी बॉर्डर पर ही नहीं, बल्कि पूरे देश में काले झंडे लगाकर विरोध हो रहा है।
कोरोना वायरस पर सरकार को घेरते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि बीमारी बड़ी है या कानून बड़े हैं। यदि बीमारी बड़ी है तो सरकार कानूनों को रद्द कर किसानों को उनके घर वापस जाने दे। मगर कोरोना तो एक बहाना है जिससे यह कानून बने रहे। देश में लूट होती रहे। उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन लंबा चलाने के लिए भाकियू रणनीति बना रही है।