Ram Bahal Chaudhary,Basti
Share

पुलवामा 2019 --“एक ऐसी चूक जिसका कोई ज़िम्मेदार नहीं”: पूर्व थल सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछे पांच सवाल, पुलवामा हमले की विस्तृत जांच और ‘श्वेत पत्र’ भी जारी करने की मांग

  • by: news desk
  • 18 April, 2023
पुलवामा 2019 --“एक ऐसी चूक जिसका कोई ज़िम्मेदार नहीं”: पूर्व थल सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछे पांच सवाल, पुलवामा हमले की विस्तृत जांच और ‘श्वेत पत्र’ भी जारी करने की मांग

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा किये गए '2019 पुलवामा हमले' के खुलासे पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने कहा, ''पूर्व थल सेना प्रमुख जनरल शंकर रॉयचौधरी (सेवानिवृत्त) ने जवानों की सुरक्षा के लिए जो चिंताएं जताई हैं, वो रक्षा बिरादरी समेत पूरे देश के लिए बेहद अहम हैं।कांग्रेस ने कहा, 'पुलवामा 2019 - "एक ऐसी चूक जिसका कोई ज़िम्मेदार नहीं हैं।" मोदी सरकार को खुफिया, सुरक्षा और प्रशासनिक विफलताओं की जवाबदेही तय करने के लिए एक श्वेत पत्र प्रकाशित करना चाहिए जिसके कारण 40 जवान शहीद हुए|


विंग कमांडर अनुमा आचार्य ((सेवानिवृत्त) ने केंद्र सरकार से मांग है कि पुलवामा हमले की विस्तृत जांच हो और उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। सरकार एक श्वेत पत्र भी जारी करे ताकि संवेदनशील इलाकों में तैनात सैनिकों की सुरक्षा और मजबूत हो।


पूर्व थल सेना प्रमुख जनरल शंकर रॉयचौधरी (सेवानिवृत्त) ने कहा, ''14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों द्वारा सेना के 78 वाहनों के काफिले पर लगभग 300 किलोग्राम विस्फोटक भरी कार से किए गए हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए।


पुलवामा हमले के समय जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने हाल ही में एक वेब चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसके बाद 17 अप्रैल 2023 को एक राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल शंकर रॉयचौधरी ने भी गंभीर चिंता जताई है, जिन्होंने जम्मू कश्मीर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए अपनी सेवाएं दी है।



भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने कहा, '' सत्यपाल मलिक और जनरल रॉयचौधरी ने जो चिंताएं जताई हैं वो चिंताएं रक्षा बिरादरी समेत पूरे देश की हैं। हम प्रधानमंत्री मोदी से नीचे दिए गए पांच सवालों के जवाब मांगते हैं..


1. जनरल रॉयचौधरी कहते हैं, "अगर सैनिकों ने हवाई मार्ग से यात्रा की होती, तो जनहानि से बचा जा सकता और "नागरिक उड्डयन विभाग, वायु सेना या बीएसएफ के पास विमान उपलब्ध हैं"। उनके अनुरोध के बावजूद 2,500 सीआरपीएफ जवानों को एयरक्राफ्ट क्यों नहीं दिए गए ? मोदी सरकार ने अनुमति क्यों नहीं दी? क्या 40 लोगों की जान नहीं बचाई जा सकती थी?


2. जनरल रॉयचौधरी "खुफिया विफलता " की ओर इशारा करते हैं। 2 जनवरी 2019 से 13 फरवरी 2019 के बीच आतंकवादी हमले की चेतावनी वाली खुफिया सूचनाओं को नज़रअंदाज़ क्यों किया गया?


3. आतंकियों ने करीब 300 किलो विस्फोटक कैसे ख़रीद लिया? दक्षिण कश्मीर, विशेष रूप से पुलवामा- अनंतनाग-अवंतीपोरा बेल्ट में भारी सुरक्षा के बावजूद विस्फोटक की इतनी बड़ी मात्रा कैसे छिपी रह सकती?



4. जनरल रॉयचौधरी कहते हैं, "पुलवामा में जानमाल के नुक़सान की प्राथमिक ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार की है।" वह आगे कहते हैं कि उन्हें सलाह देने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को भी "खुफिया विफलता के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए" | NSA अजीत डोभाल, तत्कालीन गृहमंत्री  राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए क्या जिम्मेदारियां तय की गई हैं?


5. जनरल रॉयचौधरी को लगता है कि "यह एक ऐसी चूक है जिससे सरकार हाथ धोने की कोशिश कर रही है।" हमले के चार साल बाद जांच कितनी आगे बढ़ी है? जांच की प्रक्रिया पूरी होने और देश को इसके निष्कर्ष बताने में देरी क्यों हो रही है?


2011 के मुंबई और 2016 के पठानकोट जैसे पहले के हमलों के बाद पूछताछ की गई और निष्कर्ष सार्वजनिक किए गए। ऐसा सच्चाई को सामने रखने, ज़िम्मेदारी तय करने और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बेहद आवश्यक था। पुलवामा मामले में भी, इन गंभीर सवालों को "आप चुप रहो" और "ये कोई और चीज़ है" कहकर दबाने के बजाय इन प्रश्नों के जवाब दिए जाने चाहिए।


इसलिए, हम मांग करते हैं कि भारत सरकार पुलवामा हमलों पर एक श्वेत पत्र प्रकाशित करे, जिसमें (i) हमले कैसे हुए, (ii) खुफिया विफलताएं क्या थीं, (iii) सैनिकों को विमान से जाने क्यों नहीं दिया गया, (iv) किस वजह से सुरक्षा में चूक हुई, (v) सीआरपीएफ़, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका क्या है, विशेष रुप से दायित्वों के निर्वहन में विफल होने एवं इस पूरे मामले को दबाने में|



इससे पहले, पूर्व भारतीय सेना प्रमुख शंकर रॉय चौधरी ने कहा था कि,'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुलवामा हमले की ज‍िम्मेदारी लेनी चाहिए।चौधरी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि,'  पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ जवानों की मौत की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार पर है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्वारा सलाह दी जाती है| उन्होंने कहा कि हमले के पीछे खुफिया विफलता के लिए एनएसए अजीत डोभाल को भी ‘उनके हिस्से का दोष मिलना चाहिए|’ जनरल रॉयचौधरी ने कहा था कि,' 2,500 से अधिक कर्मचारियों को ले जा रहे 78 वाहनों के काफिले को ऐसे राजमार्ग से नहीं जाना चाहिए था, जो पाकिस्तान सीमा के इतने करीब हो|






आप हमसे यहां भी जुड़ सकते हैं
TVL News

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें : https://www.facebook.com/TVLNews
चैनल सब्सक्राइब करें : https://www.youtube.com/TheViralLines
हमें ट्विटर पर फॉलो करें: https://twitter.com/theViralLines
ईमेल : thevirallines@gmail.com

You may like

स्टे कनेक्टेड

विज्ञापन