नई दिल्ली: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा सीटों में फेरबदल पर परिसीमन आयोग ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है। डिलिमिटेशन कमीशन के सदस्य सुशील चंद्र ने कहा कि,''आज परिसीमन आयोग ने अपना नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसमें 90 विधानसभा सीटें हैं और 5 संसदीय क्षेत्र की सीटें हैं। 90 सीटों में से 43 सीटें जम्मू के लिए हैं और 47 सीटें कश्मीर क्षेत्र के लिए हैं|
सबसे बड़ा ध्यान रखा गया है कि एक ही ज़िले में ही विधानसभा सीटें हो पहले एक ही MLA कई ज़िलों में जा रहा था। हर संसदीय क्षेत्र में 18 विधानसभा की सीटें आएंगी|
सुशील चंद्र ने कहा कि,' पहली बार जम्मू-कश्मीर में 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रखी गई हैं, इसमें से 3 सीटें कश्मीर क्षेत्र के लिए हैं और 6 सीटें जम्मू क्षेत्र के लिए हैं|
अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर बना केंद्र शासित प्रदेश
केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करने और जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन के बाद परिसीमन आयोग बनाया था। आयोग ने नए मसौदे में कश्मीर संभाग के बारामूला, कुपवाड़ा, श्रीनगर, कुलगाम और अनंतनाग जिलों में बदलाव किया है। कुपवाड़ा एकमात्र ऐसा जिला है, जिसमें विधानसभा क्षेत्र जोड़ा गया है।
जम्मू-कश्मीर में जून 2018 के बाद से कोई निर्वाचित सरकार नहीं है| परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर की सभी पांच संसदीय सीटों पर समान संख्या में विधानसभा सीटे होंगे| 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की जाएंगी| 90 विधानसभा सीटों में 43 जम्मू क्षेत्र में होंगी, जबकि 47 कश्मीर क्षेत्र में होंगी| जम्मू में छह सीटें बढ़ाई गई हैं, जो पहले 37 थीं|