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डॉक्टरों- स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ दर्ज करें FIR : केंद्र ने राज्यों से कहा

  • by: news desk
  • 19 June, 2021
डॉक्टरों- स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ दर्ज करें FIR : केंद्र ने राज्यों से कहा

नई दिल्ली: केंद्र ने राज्यों से डॉक्टरों, स्वास्थ्य पेशेवरों पर हमला करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा| केंद्र ने कहा,''डॉक्टरों, स्वास्थ्य पेशेवरों पर कोई भी हमला उनके बीच असुरक्षा की भावना पैदा कर सकता है| कोविड-19 महामारी के बीच देश के अलग-अलग हिस्से में डॉक्टरों और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों पर हमले की कई घटनाओं के मद्देनजर केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखा है।




केंद्र ने कहा,आपत्तिजनक सामग्री के लिए सोशल मीडिया पर नजर रखें जो स्वास्थ्य पेशेवरों पर हमले की स्थिति को बढ़ा सकती है| केंद्र ने राज्यों से डॉक्टरों, स्वास्थ्य पेशेवरों पर हमला करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा|




केंद्र ने शनिवार को राज्य सरकारों से डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले में संलिप्त लोगों के खिलाफ मामले दर्ज करने और सख्त महामारी (संशोधन) कानून, 2020 लगाने को कहा। कोविड-19 महामारी के बीच देश के अलग-अलग हिस्से में डॉक्टरों और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों पर हमले की कई घटनाओं के मद्देनजर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह पत्र लिखा है।



केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि,''डॉक्टरों या स्वास्थ्य पेशेवरों पर धमकी या हमले की कोई भी घटना उनके मनोबल को कम कर सकती है और उनमें असुरक्षा की भावना पैदा कर सकती है। इससे स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। वर्तमान परिस्थितियों में यह जरूरी हो गया है कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।



उन्होंने कहा कि हमलावरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई होनी चाहिए। आप स्थिति के हिसाब से महामारी (संशोधन) कानून, 2020 के प्रावधानों को भी लागू कर सकते हैं। इस कानून के अनुसार, डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों पर हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को पांच साल तक की कैद और दो लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है।


इसके अलावा, यदि किसी स्वास्थ्यकर्मी को हिंसा की कार्रवाई से गंभीर नुकसान होता है, तो अपराध करने वाले व्यक्ति को सात साल तक की कैद और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है। ये अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे। भल्ला ने कहा कि मैं यह भी दोहराना चाहूंगा कि सोशल मीडिया की आपत्तिजनक विषयवस्तु पर भी कड़ी नजर रखी जाए। कोविड-19 से निपटने में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किए जा रहे बहुमूल्य योगदान के बारे में बताने के लिए अस्पतालों, सोशल मीडिया आदि में पोस्टर के माध्यम से ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।





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