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Budget Session: संसद में बोले राष्ट्रपति- चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा

  • by: news desk
  • 29 January, 2021
Budget Session: संसद में बोले राष्ट्रपति- चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी और सख्त प्रोटोकॉल के बीच संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है। सत्र की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे हैं।राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ संसद का बजट सत्र आज से शुरू होगा। बजट संसद में 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों से सदन की गरिमा को बनाए रखने और सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। मुझे आशा है कि ये सत्र बेहतर होगा



 बजट सत्र में राष्ट्रपति का अभिभाषण



कोरोना महामारी के दौर में हो रहा संसद का ये संयुक्त सत्र बहुत महत्वपूर्ण है। नया वर्ष भी है और नया दशक भी और इस वर्ष हम आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं| महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूंः राष्ट्रपति





चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा।भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है। राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत कवि, असम केसरी, अंबिकागिरि रायचौधरी ने कहा था ओम तत्सत् भारत महत, एक चेतोनात, एक ध्यानोत, एक साधोनात, एक आवेगोत, एक होइ ज़ा, एक होइ ज़ा  (भारत की महानता परम सत्य है। एक ही चेतना में, एक ही ध्यान में, एक ही साधना में, एक ही आवेग में, एक हो जाओ, एक हो जाओ)




महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं| मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है।




अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े।‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की।




महामारी के कारण शहरों से वापस आए प्रवासियों को उनके ही गांवों में काम देने के लिए मेरी सरकार ने छह राज्यों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी चलाया। इस अभियान की वजह से 50 करोड़ Man-days के बराबर रोजगार पैदा हुआ।करीब 31 हजार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों में सीधे ट्रांसफर भी किए। इस दौरान देशभर में उज्ज्वला योजना की लाभार्थी गरीब महिलाओं को 14 करोड़ से अधिक मुफ्त गैस सिलेंडर भी मिले।




अपने सभी निर्णयों में मेरी सरकार ने संघीय ढांचे की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इस समन्वय ने लोकतंत्र को मजबूत बनाया है और संविधान की प्रतिष्ठा को सशक्त किया है।यदि अपने महत्व को बढ़ाना है तो दूसरों पर निर्भरता को कम करते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा।




कोरोना काल में बनी वैश्विक परिस्थितियों ने, जब हर देश की प्राथमिकता उसकी अपनी जरूरतें थीं, हमें ये याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण क्यों इतना महत्वपूर्ण है।हमारे लिए गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में ही निर्मित हैं। संकट के इस समय में भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक उपलब्ध कराई हैं।




मेरी सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 6 वर्षों में जो कार्य किए गए हैं, उनका बहुत बड़ा लाभ हमने इस कोरोना संकट के दौरान देखा है।आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश में 1.5 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिला है। इससे इन गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा, खर्च होने से बचे हैं।



आज देश के 24 हजार से ज्यादा अस्पतालों में से किसी में भी आयुष्मान योजना का लाभ लिया जा सकता है। प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि योजना के तहत देश भर में बने 7 हजार केंद्रों से गरीबों को बहुत सस्ती दर पर दवाइयां मिल रही हैं।बीते 6 वर्षों में अंडरग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट चिकित्सा शिक्षा में 50 हजार से ज्यादा सीटों की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सरकार ने 22 नए ‘एम्स’ को भी मंजूरी दी है।



आत्मनिर्भर भारत अभियान केवल भारत में निर्माण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत के हर नागरिक का जीवन स्तर ऊपर उठाने तथा देश का आत्मविश्वास बढ़ाने का भी अभियान है।सरकार ने बीते 6 वर्षों में बीज से लेकर बाज़ार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया है, ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और कृषि का विस्तार भी हो।




मेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुना MSP देने का फैसला भी किया था। मेरी सरकार आज न सिर्फ MSP पर रिकॉर्ड मात्रा में खरीद कर रही है बल्कि खरीद केंद्रों की संख्या को भी बढ़ा रही है।2013-14 में जहां 42 लाख हेक्टेयर जमीन में ही माइक्रो-इरिगेशन की सुविधा थी, वहीं आज 56 लाख हेक्टेयर से ज्यादा अतिरिक्त जमीन को माइक्रो-इरिगेशन से जोड़ा जा चुका है।




आज देश में खाद्यान्न उपलब्धता रिकॉर्ड स्तर पर है।  वर्ष 2008-09 में जहां देश में 234 मिलियन टन खाद्यान्न की पैदावार हुई थी वहीं साल 2019-20 में देश की पैदावार बढ़कर 296 मिलियन टन तक पहुंच गयी है।इसी अवधि में सब्जी और फलों का उत्पादन भी 215 मिलियन टन से बढ़कर अब 320 मिलियन टन तक पहुंच गया है। मैं इसके लिए देश के किसानों का अभिनंदन करता हूँ।





समय की मांग है कि कृषि क्षेत्र में हमारे जो छोटे और सीमांत किसान हैं, जिनके पास सिर्फ एक या दो हेक्टेयर जमीन होती है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। देश के सभी किसानों में से 80 प्रतिशत से ज्यादा ये छोटे किसान ही हैं और इनकी संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है।मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में ये छोटे और सीमांत किसान भी हैं। ऐसे किसानों के छोटे-छोटे खर्च में सहयोग करने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए उनके खातों में लगभग 1,13,000 करोड़ से अधिक रुपए सीधे ट्रांसफर किए जा चुके हैं।



प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ भी देश के छोटे किसानों को हुआ है। इस योजना के तहत पिछले 5 वर्षों में किसानों को 17 हजार करोड़ रुपए प्रीमियम के एवज में लगभग 90 हजार करोड़ रुपए की राशि, मुआवजे के तौर पर मिली है। 




व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं।इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ। छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था।



वर्तमान में इन कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है। मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी।




पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।



कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए मेरी सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है।




देश भर में शुरू की गईं किसान रेल, भारत के किसानों को नया बाजार उपलब्ध कराने में नया अध्याय लिख रही हैं। अब तक 100 से ज्यादा किसान रेलें चलाई जा चुकी हैं जिनके माध्यम से 38 हजार टन से ज्यादा अनाज और फल-सब्जियां, एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक किसानों द्वारा भेजी गई हैं।सरकार ने डेयरी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की स्थापना और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 15 हजार करोड़ के पशुपालन अवसंरचना विकास कोष की स्थापना भी की है।




प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को 20 लाख सोलर पंप दिए जा रहे हैं। सरकार द्वारा गन्ने के सीरे, मक्का, धान इत्यादि से एथनॉल के उत्पादन को भी बढ़ावा दिया है। पिछले 6 वर्षों में सरकार की सकारात्मक नीतियों के कारण एथनॉल का उत्पादन 38 करोड़ लीटर से बढ़कर 190 करोड़ लीटर हुआ है।गांव के लोगों का जीवन स्तर सुधरे, यह मेरी सरकार की प्राथमिकता है।  इसका उत्तम उदाहरण 2014 से गरीब ग्रामीण परिवारों के लिए बनाए गए 2 करोड़ घर हैं।  वर्ष 2022 तक हर गरीब को पक्की छत देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की गति भी तेज की गई है।





बाबा साहेब आंबेडकर संविधान के मुख्य शिल्पी होने के साथ-साथ हमारे देश में वॉटर पॉलिसी को दिशा दिखाने वाले भी थे। 8 नवंबर, 1945 को कटक में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा था:" Water is Wealth. Water being the wealth of the people and its distribution being uncertain, the correct approach is not to complain against nature but to conserve water."




बाबा साहेब की प्रेरणा को साथ लेकर, मेरी सरकार ‘जल जीवन मिशन’ की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। इसके तहत ‘हर घर जल’ पहुंचाने के साथ ही जल संरक्षण पर भी तेज गति से काम किया जा रहा है। इस अभियान के तहत अब तक 3 करोड़ परिवारों को पाइप वॉटर सप्लाई से जोड़ा जा चुका है।इस अभियान में अनुसूचित जातियों व जनजातियों के भाई-बहनों तथा वंचित वर्गों के अन्य लोगों को प्राथमिकता के आधार पर पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है।




प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 6 लाख 42 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया है| गांवों में सड़कों के साथ ही इंटरनेट की कनेक्टिविटी भी उतनी ही अहम है। हर गांव तक बिजली पहुंचाने के बाद मेरी सरकार देश के 6 लाख से अधिक गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के लिए अभियान चला रही है। तीन लाख करोड़ रुपए की इमरजेंसी क्रेडिट गारंटी योजना, मुश्किल में फंसे MSMEs के लिए 20 हजार करोड़ की विशेष योजना और Fund of Funds जैसे प्रयासों ने लाखों लघु उद्यमियों को लाभ पहुंचाया है।




GeM  पोर्टल से देश के दूर दराज वाले क्षेत्रों के MSMEs को सरकारी खरीद में पारदर्शिता के साथ-साथ अधिक भागीदारी भी मिल रही है।हुनर हाट और उस्ताद योजना के माध्यम से लाखों शिल्पकारों का कौशल विकास भी किया जा रहा है और उनको रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। इन लाभार्थियों में आधे से अधिक महिला शिल्पकार हैं। e-haat के माध्यम से इन शिल्पकारों को पूरी दुनिया के खरीदारों से जोड़ा जा रहा है।




आत्मनिर्भर भारत में महिला उद्यमियों की विशेष भूमिका है। मेरी सरकार ने महिलाओं को स्वरोज़गार के नए अवसर देने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुद्रा योजना के तहत अब तक 25 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए जा चुके हैं, जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को मिले हैं।दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत देश में आज 7 करोड़ से अधिक महिला उद्यमी करीब 66 लाख स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं। बैंकों के माध्यम से इन महिला समूहों को पिछले 6 वर्षों में 3 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है।




देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार एक रुपए में ‘सुविधा’ सैनिटरी नैपकिन देने की योजना भी चला रही है।भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम हो, मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की नियुक्ति हो, या फिर अंडर ग्राउंड माइन्स में तथा ओपन कास्ट माइन्स में महिलाओं को रात्रि में कार्य करने की अनुमति ये सभी निर्णय पहली बार मेरी सरकार ने ही लिए हैं।




राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहली बार छात्रों को अपनी रुचि के हिसाब से विषय पढ़ने की आजादी दी गई है। किसी कोर्स के बीच में भी विषय और स्ट्रीम बदलने का विकल्प युवाओं को दिया गया है।सरकार की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ 3 करोड़ 20 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को मिल रहा है। इनमें अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, वनवासी एवं जनजातीय वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राएं शामिल हैं।



ग्रुप सी और ग्रुप डी में इंटरव्यू समाप्त करने से युवाओं को बहुत लाभ हुआ है। सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का गठन करके नौजवानों को नियुक्ति के लिए कई अलग-अलग परीक्षाएं देने की परेशानी से मुक्त किया है।दिव्यांगजनों की मुश्किलों को कम करने के लिए देशभर में हजारों इमारतों को, सार्वजनिक बसों और रेलवे को सुगम्य बनाया गया है। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को भी बेहतर सुविधाएं और समान अवसर देने के लिए Transgender Persons (Protection of Rights) Act लागू किया गया है।




Denotified, Nomadic एवं semi-nomadic communities यानि विमुक्त, घुमंतू और अर्ध घुमंतू समुदायों के लिए भी विकास एवं कल्याण बोर्ड की स्थापना की गई है। आदिवासियों की आजीविका के प्रमुख साधन यानि वन-उपज की मार्केटिंग और वन-उपज आधारित छोटे उद्योगों की स्थापना का काम भी जारी है। ऐसी कोशिशों से लगभग 600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जनजातीय परिवारों तक पहुंची है। सरकार द्वारा 46 वन-उपजों पर MSP, 90 प्रतिशत तक बढ़ाई गई है।




आधुनिक टेक्नोलॉजी का भारत में विकास और हर भारतीय की आधुनिक टेक्नोलॉजी तक आसान पहुंच, आत्मनिर्भर बनते भारत की अहम पहचान है।पिछले वर्ष दिसंबर में UPI से 4 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक का डिजिटल पेमेंट हुआ है। आज देश के 200 से ज्यादा बैंक UPI व्यवस्था से जुड़े हैं।




जनधन खातों, आधार और मोबाइल की त्रिशक्ति ने लोगों को उनका अधिकार सुनिश्चित किया है। इस JAM त्रिशक्ति की वजह से 1,80,000 करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बच रहे हैं।हमारा अपना navigation satellite system – नाविक भी आज भारत का गौरव बढ़ा रहा है। इसका लाभ अब हजारों मछुआरे साथियों को मिल रहा है।




संसद की नई इमारत को लेकर पहले की सरकारों ने भी प्रयास किए थे। यह सुखद संयोग है कि आजादी के 75वें वर्ष की तरफ बढ़ते हुए हमारे देश ने, संसद की नई इमारत का निर्माण शुरू कर दिया है। नए संसद भवन के बनने से अपने संसदीय दायित्वों को निभाने में हर सदस्य को अधिक सुविधा मिलेगी।फेसलेस टैक्स असेसमेंट और अपील की सुविधा देने के साथ ही मेरी सरकार ने देश में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी अधिनियम के अनेक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बना दिया है।




मैन्युफेक्चरिंग से जुड़े 10 सेक्टर्स के लिए पहली बार देश में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लागू की गई है। इसका लाभ इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अनेक दूसरे सामान की मैन्युफेक्चरिंग में दिखने भी लगा है। कोरोना के इस काल में, प्रत्येक भारतीय का जीवन बचाने के प्रयासों के बीच अर्थव्यवस्था को जो हानि हुई थी, उससे भी अब देश उबरने लगा है। इस मुश्किल समय में भी भारत दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक स्थान बनकर उभरा है।




चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल हो, अटल टनल हो या फिर चार धाम सड़क परियोजना, हमारा देश विकास के कार्यों को आगे बढ़ाता रहा।कुछ दिन पहले ही पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के सेक्शंस, देश को समर्पित किए गए हैं। ये फ्रेट कॉरिडोर पूर्वी भारत में औद्योगीकरण को प्रोत्साहन देने के साथ ही रेल यात्रा में होने वाली अनावश्यक देरी को भी कम करेंगे।




देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक रूप देने के लिए मेरी सरकार 110 लाख करोड़ रुपए से अधिक की National Infrastructure Pipeline पर भी काम कर रही है। साथ ही, भारतमाला परियोजना के पहले चरण में छह नए एक्सप्रेस-वे और 18 नए एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर्स का निर्माण चल रहा है।गुजरात के हजीरा और घोघा के बीच शुरू की गई रो-पैक्स फेरी सेवा हो या फिर केवड़िया और साबरमती रिवर फ्रंट के बीच सी-प्लेन सेवा, ये भारत में वॉटर ट्रांसपोर्ट को नया आयाम दे रहे हैं।दुनिया की सबसे ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा का गौरव अपने साथ रखने वाले केवड़िया से अब देश के अनेक शहरों से सीधे ट्रेनें भी चलने लगी हैं।




देश को Gas Based Economy बनाने के लिए गैस कनेक्‍टिविटी पर भी तेज गति से काम किया जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही कोच्‍चि-मैंगलुरू गैस पाइपलाइन का लोकार्पण किया गया है। डोभी-दुर्गापुर गैस पाइपलाइन का निर्माण ‘ऊर्जा गंगा’ का प्रवाह बढ़ा रहा है।यह पाइपलाइन पश्‍चिम बंगाल तक जाएगी और पूर्वी भारत के विभिन्‍न उद्योगों, विशेषकर खाद कारखानों को, गैस उपलब्ध कराएगी।  इसी तरह तमिलनाडु के खाद कारखाने और अन्‍य औद्योगिक इकाइयों को गैस पाइपलाइन से जोड़ने के लिए तूतीकोरीन-रामनाथपुरम् गैस पाइपलाइन पर तीव्र गति से कार्य चल रहा है।




शहरों में गरीबों के लिए स्वीकृत एक करोड़ से अधिक घरों में से करीब 40 लाख का निर्माण पूरा हो चुका है। शहरों में काम करने वाले श्रमिकों को बेहतर आवास मिल सकें इसके लिए उचित किराए वाली योजना भी शुरु की गई है।आज देश के 27 शहरों में मेट्रो सेवा के विस्तार के लिए काम चल रहा है।  कुछ दिन पहले ही दिल्ली मेट्रो के एक रूट पर ड्राइवरलेस मेट्रो का परिचालन भी किया गया।  शहरों में Regional Rapid Transit Systems के निर्माण से भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाया जा रहा है।




ब्रह्मपुत्र नदी असम सहित उत्तर-पूर्वी राज्यों की ‘जीबोनधारा’ है। इसी जीवनधारा को आर्थिक-गतिविधियों का आधार बनाकर विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों के आरंभ के लिए काम हो रहा है।इसका लाभ पूर्वोत्तर के किसानों, युवाओं और उद्यमियों, सभी को होगा। ‘अर्थ ब्रह्मपुत्र’ प्रोग्राम से ‘इंटीग्रेटेड नेशनल वाटरवेज’ का विकास कर, ब्रह्मपुत्र और बराक नदी को विकास की धारा बनाने का प्रयास जारी है।




ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास को शांति और सौहार्द के साथ पूरा किया जा रहा है। इसी प्रकार ऐतिहासिक बोडो शांति समझौता भी हुआ है, जिसे सफलतापूर्वक लागू किया गया है। समझौता होने के बाद इस बार बोडो टैरीटोरियल काउंसिल के चुनाव भी सफलता के साथ पूरे हुए हैं।नक्सली हिंसा की घटनाओं में बड़ी कमी आई है और नक्सल प्रभावित क्षेत्र का दायरा सिमट रहा है।




मेरी सरकार की विकास नीति को जम्मू कश्मीर के लोगों ने भी भरपूर समर्थन दिया है। कुछ सप्ताह पहले ही, आजादी के बाद पहली बार, जम्मू कश्मीर में जिला परिषद के चुनाव सफलता के साथ संपन्न हुए हैं।बड़ी संख्या में मतदाताओं की भागीदारी ने दर्शाया है कि जम्मू कश्मीर नए लोकतांत्रिक भविष्य की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ चला है। प्रदेश के लोगों को नए अधिकार मिलने से उनका सशक्तीकरण हुआ है।



आयुष्मान भारत - सेहत योजना लागू होने के बाद जम्मू कश्मीर के हर परिवार को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज का लाभ मिलना तय हुआ है।केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद, कुछ महीने पहले लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव की प्रक्रिया भी सफलता-पूर्वक सम्पन्न हुई है। अब लद्दाख के लोग स्वयं, अपने प्रदेश के विकास से जुड़े निर्णय और तेजी से ले रहे हैं।



जून 2020 में हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है।मेरी सरकार, देश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है और सतर्क भी है। LAC पर भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्यबलों की तैनाती भी की गई है।हमारे स्वाधीनता संग्राम के दौरान देशभक्ति के अमर गीतों की रचना करने वाले मलयालम के श्रेष्ठ कवि वल्लथोल ने कहा है:  भारतम् ऐन्ना पेरू केट्टाल अभिमाना पूरिदम् आगनम् अंतरंगम्। अर्थात, जब भी आप भारत का नाम सुनें, आपका हृदय गर्व से भर जाना चाहिए।





रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर भी सरकार का जोर है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने HAL को 83 स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्माण का ऑर्डर दिया है।हमें गर्व है कि ISRO के वैज्ञानिक चंद्रयान-3, गगनयान, और Small Satellite Launch Vehicle जैसे महत्वपूर्ण अभियानों पर काम कर रहे हैं। कुछ महीने पहले काकरापार में देश के पहले स्वदेशी pressurized heavy water reactor का सफल परीक्षण किया गया है।



भारत GDP की Emissions Intensity को वर्ष 2005 की तुलना में 2030 तक 33 से 35 प्रतिशत तक कम करने के लक्ष्‍य पर काम कर रहा है।  पेरिस समझौते को लागू करने में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है।हाल ही में, कच्छ के रेगिस्तान में, दुनिया का सबसे बड़ा Hybrid Renewable Energy Park बनाने का काम शुरु हुआ है। पिछले 6 वर्षों में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में ढाई गुना वृद्धि हुई है, जबकि सौर उर्जा क्षमता 13 गुना बढ़ी है।




भारत ने देश की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के साथ ही 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयों की आपूर्ति की। भारत, वैश्विक स्तर पर वैक्सीन की उपलब्धता को सुनिश्चित करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।वंदे भारत मिशन, जो दुनिया में इस प्रकार का सबसे बड़ा अभियान है, उसकी सराहना हो रही है। भारत ने दुनिया के सभी हिस्सों से लगभग 50 लाख भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के साथ ही एक लाख से अधिक विदेशी नागरिकों को भी उनके अपने देशों तक पहुंचाया है।




भारत ने ऐतिहासिक वैश्विक समर्थन हासिल करके इस वर्ष आठवीं बार एक अस्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा परिषद में प्रवेश भी किया है। भारत ने 2021 के लिए ब्रिक्स में अध्यक्ष पद भी ग्रहण किया है।देश ने कुछ दिन पहले 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्म दिवस को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया है। यह वर्ष नेताजी की 125वीं जन्मजयंती का वर्ष भी है।




हम सबके पूज्य, गुरु तेगबहादुर का 400वां प्रकाशपर्व भी हम पूरी श्रद्धा के साथ मनाएंगे।देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव का शुभारंभ भी इसी वर्ष हो जाएगा।




पिछले कुछ वर्षों में देश ने अनेक ऐसे काम कर दिखाए हैं जिनको कभी बहुत कठिन माना जाता था: • आर्टिकल 370 के प्रावधानों के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को नए अधिकार मिले हैं।   • उच्चतम न्यायालय के फैसले के उपरांत भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है।• जिस DBT को नजरअंदाज किया जा रहा था, उसी की मदद से पिछले 6 साल में 13 लाख करोड़ रुपए से अधिक धनराशि लाभार्थियों को ट्रांसफर की गई है। • कभी हमारे यहां सिर्फ 2 मोबाइल फैक्ट्रियां थीं। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है।



मेरी सरकार ने दिखाया है कि नीयत साफ हो, इरादे बुलंद हों तो बदलाव लाया जा सकता है। इन वर्षों में मेरी सरकार ने जितने लोगों के जीवन को छुआ है, वह अभूतपूर्व है। •हर गरीब का घर रौशन हो, इसके लिए ढाई करोड़ से अधिक बिजली कनेक्शन निशुल्क दिए गए।




• दुर्घटना की स्थिति में गरीब परिवार को दर-दर न भटकना पड़े इसके लिए सिर्फ एक रुपए महीना के प्रीमियम पर 21 करोड़ से अधिक गरीबों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ा गया। • गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल कम हो, इसके लिए 36 करोड़ से ज्यादा सस्ते LED बल्ब वितरित किए गए।• गरीब की मृत्यु के बाद उसके परिवार के पास एक संबल रहे, इसलिए सिर्फ 90 पैसा प्रतिदिन के प्रीमियम पर लगभग साढ़े 9 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना से जोड़ा गया।




• गरीब का शिशु किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित न हो इसलिए मेरी सरकार ने न सिर्फ टीकों की संख्या बढ़ाई बल्कि टीकाकरण अभियान को देश के उन आदिवासी इलाकों में भी ले गई जो अब तक अछूते थे।  • मिशन इंद्रधनुष के तहत साढ़े 3 करोड़ से अधिक बच्चों का टीकाकरण किया गया।• गरीब के हक का राशन कोई दूसरा न छीन ले, इसके लिए शत प्रतिशत राशन कार्ड को डिजिटल किया जा चुका है, 90 प्रतिशत राशन कार्डों को आधार से जोड़ा जा चुका है। • रसोई के धुएं से गरीब बहन-बेटी की सेहत न खराब हो, इसके लिए उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ से ज्यादा मुफ्त कनेक्शन दिए गए।





• घर में काम करने वाले भाई-बहन, गाड़ी चलाने वाले, जूता सिलने वाले, कपड़ा प्रेस करने वाले, खेतिहर मजदूर, ऐसे गरीब साथियों को भी पेंशन मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना चलाई गई।• गरीब को बैंकिंग व्यवस्था का लाभ मिले, इसके लिए 41 करोड़ से अधिक गरीबों के जनधन खाते खोले गए। इनमें से आधे से अधिक खाते हमारी गरीब बहनों और बेटियों के हैं।




पश्चिम बंगाल के सपूत, गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिरीन्द्रनाथ टैगोर ने देशप्रेम से भरे एक ओजस्वी गीत की रचना की थी।  उन्होंने लिखा था:  चॉल रे चॉल शॉबे, भारोत शन्तान, मातृभूमी कॉरे आह्वान, बीर-ओ दॉरपे, पौरुष गॉरबे, शाध रे शाध शॉबे, देशेर कल्यान।अर्थात मातृभूमि आह्वान कर रही है कि हे भारत की संतानो, सभी मिल-जुलकर चलते रहो। वीरता के स्वाभिमान तथा पौरुष के गर्व के साथ तुम सभी देश के कल्याण की निरंतर कामना करते रहो।आइए, हम सब मिलकर आगे बढ़ें, सभी देशवासी मिलकर आगे बढ़ें। अपना कर्तव्य निभाएं और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें, आइए, भारत को आत्मनिर्भर बनाएं।






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