नई दिल्ली: तीन नए कृषि कानूनों (Farm Law) के खिलाफ किसानों के आंदोलन को अब देशव्यापी आंदोलन बनाने की तैयारी है| देशभर के किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है| इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान समेत कई राज्यों के किसान संगठन शामिल हैं|
भारतीय पर्यटक परिवहन संघ (ITTA) और दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने 8 दिसंबर को दिल्ली में किसानों के साथ एकजुटता के साथ हड़ताल का आह्वान किया। इंडियन टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन और दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन समेत “51 यूनियनों ने किसानों का समर्थन करने का फैसला किया। कई राजनीतिक दलों ने भी इस बंद को समर्थन दिया है| मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी बंद का समर्थन किया है|
आईटीटीए के अध्यक्ष सतीश शेरावत ने कहा,“51 यूनियनों ने किसानों का समर्थन करने का फैसला किया। खेती और परिवहन एक पिता के 2 पुत्रों की तरह है|दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परमीत सिंह गोल्डी ने कहा,'हम अपने किसान भाइयों का समर्थन कर रहे हैं। कहते हैं, "वे हमारे व्यवसाय की जड़ें हैं।"
ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमिटी के बैनर तले बुलाए गए भारत बंद में देशभर के 400 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हैं| कांग्रेस के अलावा दूसरे राजनीतिक दलों ने भी उसे समर्थन दिया है|तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल, राजद, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सपा, तेलंगाना राष्ट्र समिति(TRS) और आम आदमी पार्टी, ने भी भारत बंद का समर्थन किया है| लेफ्ट पार्टियों में सीपीआई, सीपीआईएम, सीपीआई (एमएल), RSP और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने भी बंद का समर्थन किया है|
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "कांग्रेस ने 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करने का फैसला किया है| हम अपने पार्टी कार्यालयों पर भी प्रदर्शन करेंगे|यह किसानों को राहुल गांधी के समर्थन को मजबूत करने वाला कदम होगा| हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदर्शन सफल हो|