Ram Bahal Chaudhary,Basti
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फीचर फ़िल्म 'बॉस क्लाइमैक्स अभी बाकी है', चमकेंगे उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के सितारे

  • by: news desk
  • 02 June, 2022
 फीचर फ़िल्म 'बॉस क्लाइमैक्स अभी बाकी है',  चमकेंगे उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के सितारे

नई दिल्ली:  फीचर फ़िल्म 'बॉस क्लाइमैक्स अभी बाकी है' का फर्स्ट ऑफिसियल ट्रेलर रिलीज़ हुआ ट्रेलर को देखने के बाद ऐसा लगा कि बॉलीवुड अपने आपको बदलने की कोशिश कर रहा है ..इतनी साफ सुथरी फ़िल्म "बॉस क्लाइमैक्स अभी बाकी है" अपनी विशेषताओं को लेकर काफी चर्चा में रही है .हिंदी फिल्मों के इतिहास में 'बॉस क्लाइमैक्स अभी बाकी है' का नाम दर्ज हो सकता है क्योंकि ये फ़िल्म कोई आम बॉलीवुड मसाला फ़िल्म नहीं है .एजुकेशन करप्शन पर आधारित 'बॉस क्लाइमैक्स अभी बाकी है' में किसी प्रकार के भद्दे डायलॉग नहीं हैं ना ही डबल मीनिंग डायलॉग का इस्तेमाल किया है .फ़िल्म में किसी प्रकार का बेड सीन नहीं है ना ही रेप सीन है .फ़िल्म पूर्ण रूप से भारतीय संस्कारों में रंगी है .फ़िल्म में कई सामाजिक मुद्दे उठाये गए हैं .फीचर फिल्म बॉस क्लाइमैक्स अभी बाकी है जून या जुलाई में रिलीज़ हो जायेगी .. 



फ़िल्म की खासियत ये कि इसमें बॉलीवुड के सितारों के साथ उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के तमाम जिलों से कस्बों से उभरते हुए कलाकारों ने काफी अहम् किरदार निभाये हैं .लेखक से बने फिल्ममेकर वीरेंद्र सिंह सजल ने नए कलाकारों को बड़ा प्लेटफार्म दिया है. 



फ़िल्म में रवि पटेल ने नायक जय पटेल की भूमिका निभाई है जो एक यूनिवर्सिटी का होनहार स्टूडेंट है और शिक्षा जगत में फैले भ्रष्टाचार से व्यथित है .वो यूनिवर्सिटी में फैली गंदगी को साफ़ करना चाहता है इस मुश्किल काम में प्रोफेसर मोहिनी यानी कि स्नेह सचान जय पटेल का मनोबल बढाती हैं और खुद भी इस नेक काम में मदद करती हैं .स्नेह सचान की दूरदर्शिता आखिर काम आती है. और वे प्रोफेसर्स के काले कारनामों का कच्चा चिटठा जय को सौंपती हैं .जय पटेल अपने प्लान को अंजाम तक पहुंचाता है . 



स्नेह सचान ने प्रोफ़ेसर मोहिनी के किरदार में जान डाल दी ..फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रही स्नेह सचान अपने किरदार को लेकर काफी उत्साहित हैं और वे बॉलीवुड में हमेशा साफ़ सुथरी फिल्मों को करना चाहती हैं . 



दरअसल फ़िल्म 'बॉस क्लाइमैक्स अभी बाकी है 'हृदय परिवर्तन' की कहानी है फ़िल्म में प्रोफेसर्स का ह्रदय परिवर्तन दिखाया गया है . फ़िल्म में जय पटेल और अंशी ठाकुर के प्रेम प्रसंग हैं किन्तु भारतीय सभ्यता के अनुरूप ही अंशी ठाकुर और रवि पटेल के प्रेम प्रसंग को दर्शाया गया है अंशी ठाकुर ने दमदार अभिनय किया है .अंशी सिंह भी मुख्य भूमिका में हैं .. 



फ़िल्म में छोटे से छोटे कलाकार की भूमिका बहुत सधी हुई है .फ़िल्म को आप पूरे परिवार के साथ बेझिझक देख सकते हैं . फ़िल्म कलाकारों की तीन यूनिटों में विभाजित है ..पहली यूनिट है रवि पटेल अंशी ठाकुर ,सत्या अग्निहोत्री,अंशुल गंगवार ,प्रिंस पटेल ,प्रिया सिंह राजपूत,शिखा राजपूत,जयप्रकाश सिंह,राज चक्रवर्ती, श्रवण साहू हैं ...सभी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हैं जिनके किरदार देखकर आज के स्टूडेंट सीख ले सकते हैं और उनके किरदार सभी को पसंद आयेंगे .सत्या अग्निहोत्री ने नेगेटिव स्टूडेंट की दमदार भूमिका निभाई है.



दूसरी प्रोफेसर्स की है जिसमें स्नेह सचान ,जीतेन्द्र अवस्थी ,तारिक वारसी ,नीरज सचान, सुभाष मिश्रा, आनंद गंगवार,दुर्गेश अवस्थी ..स्नेह सचान और नीरज सचान को छोड़कर सारे प्रोफेसर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं वे अपने स्वार्थ के कारण स्टूडेंट्स के कैरियर को दांव पर लगाने से बाज नहीं आते .ऐसे प्रोफेसर्स को सुधारने का बीड़ा प्रोफ़ेसर मोहिनी यानी कि स्नेह सचान उठाती हैं क्योंकि स्नेह सचान सारे स्टूडेंट की आइडियल प्रोफेसर हैं वहीं डॉक्टर नीरज सचान ने वाईस चांसलर का किरदार निभाया है उनकी चाल ढाल बिलकुल वाईस चांसलर की लगती है जो आपको हंसा देगी .. 



जीतेन्द्र अवस्थी ने प्रोफ़ेसर बाजपेयी की दमदार भूमिका निभाई है वैसे भी वह बॉलीवुड के मंजे हुए कलाकार हैं और नेगेटिव भूमिका में हैं तारिक वारसी ने प्रोफ़ेसर बेनीराम पांडे की भूमिका निभाई है एक कुंठाग्रस्त प्रोफेसर का शानदार किरदार निभाया है .. बाकी सभी प्रोफेसर्स ने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है लटकनाथ लटू के किरदार में हैं दुर्गेश अवस्थी जो पेशे से कवि भी हैं .सुभाष मिश्रा और आनंद गंगवार अपनी अलग छाप छोड़ते हैं .. 



तीसरी यूनिट में रावण बने डॉक्टर निषाद हरिओम ,जीतेन्द्र दीक्षित,हंसा तिवारी ,राजन शुक्ला,आराधना सचान,मीरा जैन,डॉक्टर राकेश सोनी, दीपक सिंह,नीरज तिवारी,श्रेया द्विवेदी ,राजेश धामी हैं .फ़िल्म में रावण का किरदार आपको खूब हंसायेगा ..कैकेयी का किरदार हंसा तिवारी ने निभाया है ..मीरा जैन जय पटेल की माँ के रोल में हैं वहीं आराधना सचानने झुमकी का किरदार निभाया है राकेश सोनी ने एसीपी मुस्ताक खान का किरदार निभाया है . जबकि जीतेन्द्र दीक्षित ने किसान जंगबहादुर का बहुत ही उम्दा किरदार निभाया है .



बॉस क्लाइमैक्स अभी बाकी है की मौसी यानी कि कृष्णा सागर भी किसी को भुलाए नहीं भूलेंगी वह प्रोफ़ेसर यूनिट को नहीं बल्कि स्टूडेंट को गलतियां करने पर उनको ऊँगली दिखाती हैं और बेटियों को कॉलेज में आते देखकर बहुत खुश होती हैं .. 



फ़िल्म का कांसेप्ट श्रीकृष्ण वर्मा जबकि पटकथा संवाद वीरेंद्र सिंह सजल ने लिखे हैं .फिल्म का निर्देशन मनीष कुमार वर्मा, छायांकन राहुल छोकर और मेकअप आशु सन्नाटा और प्रेम छोकर ने किया है निर्माता अयोराम ग्रुप, डॉक्टर राजेंद्र सिंह,श्रीमती सुमन वर्मा ,सुनीता महादेव सिंगाड़े हैं . 



बॉस क्लाइमैक्स अभी बाकी है आज के यूथ की ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोगों की प्रेरणाश्रोत है फ़िल्म की प्रोफ़ेसर मोहिनी को लोग सदियों तक याद रखेंगे .ऐसी साफ़ सुथरी फ़िल्में हमारे समाज के लिए बहुत आवश्यक हैं जो न केवल मनोरंजन करती हैं बल्कि प्रेरणादायक भी साबित होगी ..





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