बस्ती: बस्ती जिले में परिषदीय विद्यालय में फर्जी तरीके से नौकरी कर रहीं दो फर्जी शिक्षिकाओं का भंडाफोड़ हुआ है। बीएसए डॉ. इद्रजीत प्रजापति ने कूट रचित फर्जी अभिलेखों के आधार पर शिक्षिका के पद पर नौकरी कर रही 2 शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर दिया है| बीएसए ने फर्जी शिक्षिकाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए बीईओ को आदेशित किया है। उन्होंने बताया कि,''बर्खास्त शिक्षकाओं से वेतन रिकवरी कराए जाने की भी कार्रवाई की जाएगी।
बीएसए डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति ने बताया कि, पे-रोल मॉड्यूल की मदद से पकड़ में आयी फर्जी शिक्षिका प्रेमलता सिंह वर्तमान समय में जिले के गौर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय महुआ डाबर में प्रधानाध्यापिका पद पर कार्यरत थीं। उसने गोरखपुर में कार्यरत असली प्रेमलता सिंह सहायक अध्यापिका के नाम और प्रमाण पत्र पर 1997 में नौकरी हासिल की थी। प्रेमलता सिंह को बर्खास्त करने के साथ ही वेतन रिकवरी तथा मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है।
बीएसए के अनुसार, पे-रोल माड्यूल पर डाटा फीडिंग के दौरान असली शिक्षिका प्रेमलता सिंह को उनका नाम बस्ती में प्रदर्शित होने पर फर्जीवाड़े का संदेह हुआ था। असली प्रेमलता सिंह गोरखपुर के विकास खंड कौड़ीराम में भीतहा प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। शिकायती पत्र के आधार पर एसटीएफ जांच में पाया कि असली प्रेमलता सिंह का नाम तथा अभिलेखों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
शिकायत बाद जांच कराई गई, जिसमें फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। कूटरचित ढंग से फर्जी अभिलेखों के आधार पर बस्ती जिले में 3 दिसम्बर 1997 को इनकी नियुक्ति होना पाया गया।
वहीं, परिषदीय विद्यालय में फर्जी तरीके से शिक्षक बनकर नौकरी करने वाली शिक्षिका अनीता सिंह को भी बर्खास्त कर एफआईआर दर्ज कराने और वेतन वसूली के लिए आदेशित किया गया है। फर्जी शिक्षिका जिले के सल्टौआ ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय दसिया में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात थी। पे-रोल माड्यूल की मदद से यह भी फर्जी शिक्षिका पकड़ में आयी।
बीएसए ने बताया कि शिकायत पत्र के आधार पर पैन कार्ड परिवर्तन किए जाने के संबंध में जांच प्रक्रिया चल रही थी। जांच में पाया गया कि असली अनीता सिंह मऊ जिले के नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। उनके नाम और प्रमाणपत्र पर 1994 में नौकरी हासिल की थी। अनीता सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही वेतन रिकवरी तथा मुकदमा दर्ज कराने के लिए बीईओ को निर्देश दिया गया है।
बीएसए ने बताया कि जांच उपरांत फर्जीवाड़ा की पुष्टि होने के बाद दोनों शिक्षिकाओं की सेवाएं समाप्त करते हुए उन्हे बर्खास्त कर दिया गया है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए वेतन की रिकवरी कराई जाएगी।