बस्ती: बस्ती में एक तरफ प्रदेश के कृषि मंत्री अपनी पीठ थपथपा रहे थे। तो दूसरी तरफ आक्रोशित किसान क्रय केंद्र पर गन्ने की फसल को आग लगा रहे थे। मंत्री ने किसानों को सम्मानित करते हुए कहा कि योगी सरकार में कोई भी किसान दुखी नहीं है। जबकि, गन्ना क्रय केंद्रों पर खरीद बंद कर दी गई थी। जिससे वहां गए हुए किसान भड़क गए और गन्ने को आग के हवाले कर दिया। साथ ही इसका वीडियो भी वायरल कर दिया।
जिले में महादेवा विधानसभा के केवचा महाविद्यालय में आयोजित किसान सम्मेलन में मंगलवार को प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों को सम्मानित किया। कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिन-रात जनता की सेवा में लगे हैं। योगीराज में किसान कभी दुखी नहीं हो सकता।
वहीं परसरामपुर ब्लॉक क्षेत्र के कोहराएं गन्ना क्रय केन्द्र से पीड़ित किसान रक्षाराम वर्मा ने अपने कई एकड़ गन्ने की छिली फसल को आग लगा दिया। किसान राम रक्षा वर्मा ने जल रहे गन्ने को दिखाते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल किया है। कारण 15 दिनों से तैयार उसका दो पर्ची गन्ने की तौल आज तक नही हुआ जिसकी शिकायत किसान ने जिलाधिकारी बस्ती से कई बार किया गया किन्तु उनके द्वारा मामले को गंभीरता से न लेने व क्रय केंद्रों की मनमानी पर लगाम न लगाने के चलते उसका गन्ना सूख गया । इससे किसान मानसिक रूप से इतना पीड़ित हुआ कि उसने अपने गन्ने की फसल को खुद आग लगा दिया
गन्ना जलाने वाले किसान का कहना है कि पिछले 15 दिनों से तैयार उसकी दो पर्ची के गन्ने की तौल आज तक नहीं की गई। इसकी शिकायत उसने डीएम तक से की लेकिन न तो क्रय केन्द्र की मनमानी पर लगाम लगा और न ही अधिकारी ने इसे गंभीरता से लिया। क्रय केन्द्र पर गन्ना न लिए जाने से जब गन्ना सूखने लगा तो उसने आहत होकर अपने गन्ने की फसल में खुद आग लगा दिया।
समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने बताया कि धान व गन्ना केन्द्रों पर व्याप्त व्यापक अनियमितता के चलते किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । इनके द्वारा सामान्य किसान के धान व गन्ने की खरीद न करने के कारण किसान अपनी उपज को औने पौने दाम पर बेचने को विवश हैं । बताया कि स्थिति ये है कि कि किसान अपनी फसल को खुद आग लगाने को विवश हैं ।
समाजसेवी ने क्रय केंद्र के जिम्मेदारों पर कार्यवाही सुनिश्चित कराते हुए किसान को हुई मानसिक व फसल हानि का प्रतिपूर्ति दिलाते हुए गन्ना मीलों द्वारा व शासन के अधिकारियों द्वारा समय समय पर औचक निरीक्षण कराते हुए क्रय केंद्रों को माफिया मुक्त कराने की मांग किया। कहा कि भविष्य में कोई किसान ऐसा करने को विवश न हो । यदि किसानों में इस तरह की उदासीनता आयेगी तो किसान खेती छोड़ने को विवश हो जायेगा जिसके परिणाम भयावह होंगे।