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अशोक गहलोत ने घरों और मंदिर को ध्वस्त करने के लिए बुलडोज़र लगाया: अलवर मंदिर विध्वंस पर बोले BJP सांसद

  • by: news desk
  • 23 April, 2022
अशोक गहलोत ने घरों और मंदिर को ध्वस्त करने के लिए बुलडोज़र लगाया: अलवर मंदिर विध्वंस पर बोले BJP सांसद

अलवर: अलवर में मंदिर विध्वंस पर भाजपा का कहना है कि विकास के नाम पर मंदिर को तोड़ना सही नहीं है। कांग्रेस बदले की राजनीति कर रही है। वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि राजगढ़ नगर पालिका में भाजपा का बोर्ड है और उसी ने यह कार्रवाई की है।दूसरी तरफ, नगर पालिका बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि यह कार्रवाई प्रशासन के स्तर पर की है। प्रशासन का कहना है कि नगर पालिका बोर्ड के स्तर पर प्रस्ताव पारित हुआ है। उसके बाद ही अतिक्रमण हटाया गया है। 



अलवर में मंदिर विध्वंस पर BJP सांसद किरोड़ी मीणा ने कहा,''हम अलवर में रात भर धरने पर थे लेकिन प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया। अशोक गहलोत ने घरों और एक मंदिर को ध्वस्त करने के लिए बुलडोज़र लगाया, गहलोत साहब देशभर में चल रहे बुलडोज़र की ख़िलाफत करते हैं और खुद यहां बुलडोज़र चलवाते हैं|  



अलवर घटना पर गोवा के CM प्रमोद सावंत ने कहा,''कांग्रेस सरकार द्वारा भगवान शंकर का 350 साल का पुराना मंदिर तोड़ना उचित नहीं है। हमारी सरकार गोवा में पुर्तगालियों द्वारा तोड़े गए मंदिरों को फिर से बनाने का प्रयास करेगी। हम संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए अपने बजट में 20 करोड़ रु.रखे हैं|



बसपा प्रमुख मायावती ने कहा,''राजस्थान के कांग्रेसी राज अलवर में अतिक्रमण की आड़ में मन्दिर तोड़ना तो कहीं BJP शासित राज में दूसरे धर्म के स्थलों को नुकसान पहुंचाना व गरीबों के आशियाने उजाड़ना आदि सब घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? जबकि इससे हमारा संविधान कमजोर होगा। ये सब तुरन्त बन्द होना चाहिए|




अतिक्रमण हटाने का निर्णय नगर पालिका अध्यक्ष सतीश दुहारिया का था,

अलवर ज़िला कलेक्टर नकटे शिवप्रसाद ने कहा,'''राजगढ़ नगर पालिका के अंतर्गत 17 अप्रैल को गौरव पथ पर सड़क के दोनों तरफ जो अतिक्रमण को हटाने का निर्णय नगर पालिका की सर्वसाधारण सभा की बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष एवं उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया था| मंदिर का जो हिस्सा अतिक्रमण में आ रहा था, उसे हटाने से पहले मंदिर के अंदर की मूर्तियों को ससम्मान अन्य जगह पर मंदिर के पुजारियों द्वारा विस्थापित कर दिया गया था। कार्रवाई से पहले सभी समाजों के लोगों से बात की गई थी, पूर्व में बहुत बार नोटिस दिए गए थे|



''बोर्ड द्वारा ऐसा कोई भी आदेश नहीं दिया गया" : BJP 

अलवर में मंदिर पर बुलडोजर चलाने के मुद्दे पर राजगढ़ नगर निकाय बोर्ड के अध्यक्ष व बीजेपी नेता सतीश गुहरिया ने कहा,''बोर्ड द्वारा ऐसा कोई भी आदेश नहीं दिया गया है कि मंदिरों को तोड़ा जाए। अगर मंदिर रास्ते में आते भी हैं तो रास्ता निकालकर मंदिर बचाए जाते हैं|



भाजपा मंडल अध्यक्ष ने कलेक्टर को चिट्‌ठी लिखकर अतिक्रमण हटाने की सिफारिश की थी

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया। डोटासरा ने कहा कि भाजपा मंडल अध्यक्ष ने कलेक्टर को चिट्‌ठी लिखकर यह अतिक्रमण हटाने की सिफारिश की थी। राजगढ़ में भाजपा का बोर्ड है। इसके अध्यक्ष सतीश दुहारिया हैं। बोर्ड बैठक में यह अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पास किया गया था। उसके बाद ही यह अतिक्रमण हटाया गया है। कांग्रेस की सरकार में मंदिरों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाती। यह भाजपा का एजेंडा रहा है।



राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा,'' राजगढ़ में नगर पालिका क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का मुद्दा आया जिसमें भाजपा और RSS के लोग ग़लत प्रचार और बयानबाज़ी कर रहे हैं। उस मंदिर के अतिक्रमण को हटाने की शुरुआत पूर्व BJP सरकार जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं तब हुई| जहां पर अतिक्रमण को हटाया गया है, वहां पर बोर्ड भाजपा का है और उस बोर्ड के अध्यक्ष सतीश दुहारिया की अध्यक्षता में बोर्ड की बैठक 8/9/2021 को हुई, जिसमें इस अतिक्रमण को हटाने का प्रस्ताव पास किया गया। उसके बाद में यह अतिक्रमण हटाया गया|



BJP माफी मांगे

राजस्थान के अरबन डवलपमेंट मिनिस्टर शांति धारीवाल ने कहा कि बीजेपी मंदिर तोड़ने के लिए माफी मांगे।




विवाद बढ़ने के बाद कलेक्टर ने दी रिपोर्ट

मंदिर तोड़ने का विवाद बढ़ने के बाद अलवर कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, नगर पालिका बोर्ड की दूसरी बैठक में मास्टर प्लान और गौरव पथ में परेशानी बताते हुए 8 सितंबर 2021 को अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। 6 अप्रैल को सभी अतिक्रमण को चिह्रित कर नोटिस जारी किए गए थे।



इस रिपोर्ट में बताया गया कि नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ( ईओ) ने 12 अप्रैल 2022 को अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस अमला भी मांगा था। अतिक्रमण हटाने से दो दिन पहले सभी को सूचना दे दी गई थी। जिस मंदिर को लेकर विवाद हो रहा है, उसको लेकर भी रिपोर्ट में दावा किया गया कि हाल ही में उसका निर्माण हुआ था और यह नाले पर बनाया गया था। अतिक्रमण हटाने से पहले ही मूर्तियों को हटा दिया गया था। हटाई गई मूर्तियों की स्थापना अन्य जगह विधि-विधान से राजगढ़ नगर पालिका की ओर से की जा रही है।




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