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20 साल की उम्र में बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था: ढाका में बोले PM मोदी

  • by: news desk
  • 26 March, 2021
20 साल की उम्र में बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था: ढाका में बोले PM मोदी

ढाका : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश PM शेख हसीना के साथ राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने ढाका के नेशनल परेड ग्राउंड में पहुंचे| मोदी दो दिवसीय दौरे पर आज सुबह ही बांग्‍लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे हैं|  ढाका में बांग्‍लादेश की आजादी के 50वर्ष के उपलक्ष्‍य में आयोजित कार्यक्रम में PM मोदी ने कहा कि,''मुझे खुशी है कि बांग्लादेश की विकास यात्रा के अहम पड़ाव में आपने मुझे भी शामिल किया। आज बांग्लादेश का राष्ट्रीय दिवस और स्वाधीनता की 50वीं वर्षगांठ भी है। इसी भारत-बांग्लादेश मैत्री के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं|



इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि,''बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था।




राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, प्रधानमंत्री शेख हसीना और बांग्लादेश के नागरिकों का मैं आभार प्रकट करता हूं। आपने अपने इन गौरवशाली क्षणों में, इस उत्सव में भागीदार बनने के लिए भारत को सप्रेम निमंत्रण दिया| मैं सभी भारतीयों की तरफ से आप सभी को, बांग्लादेश के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूँ। मैं बॉन्गोबौन्धु शेख मुजिबूर रॉहमान जी को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने बांग्लादेश और यहाँ के लोगों  के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया: PM मोदी




मैं आज भारतीय सेना के उन वीर जवानों को भी नमन करता हूं जो मुक्तिजुद्धो में बांग्लादेश के भाइयों-बहनों के साथ खड़े हुए। जिन्होंने मुक्तिजुद्धो में अपना लहू दिया, अपना बलिदान दिया, और आज़ाद बांग्लादेश के सपने को साकार करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई: PM



मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था... बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था: PM मोदी



बांग्लादेश के मेरे भाइयों और बहनों को, यहां की नौजवान पीढ़ी को मैं एक और बात बहुत गर्व से याद दिलाना चाहता हूं। बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था| यहां के लोगों और हम भारतीयों के लिए आशा की किरण थे- बॉन्गोबौन्धु शेख मुजिबूर रॉहमान। बॉन्गोबौन्धु के हौसले ने, उनके नेतृत्व ने ये तय कर दिया था कि कोई भी ताकत बांग्लादेश को ग़ुलाम नहीं रख सकती: PM




ये एक सुखद संयोग है कि बांग्लादेश के आजादी के 50 वर्ष और भारत की आजादी के 75 वर्ष का पड़ाव, एक साथ ही आया है। हम दोनों ही देशों के लिए अगले 25 वर्षों की यात्रा बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमारी विरासत भी साझी है, हमारा विकास भी साझा है: पीएम 




आज भारत और बांग्लादेश दोनों ही देशों की सरकारें इस संवेदनशीलता को समझकर, इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रही हैं। हमने दिखा दिया है कि आपसी विश्वास और सहयोग से हर एक समाधान हो सकता है। हमारा Land Boundary Agreement भी इसी का गवाह है: प्रधानमंत्री




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