नई दिल्ली: अफ़ग़ानिस्तान हमारा था और हमारा रहेगा... अगर मेरे जैसी महिलाएं अब नहीं हैं तो ऐसा इसलिए है क्योंकि... एक बाघ की तरह जो दो कदम पीछे हटकर और अधिक बल के साथ वापस आएंगी| यह बातें पूर्व अफगान मेयर जरीफा गफारी ने कही है| आपको बता दें कि ज़रीफ़ा गफ़री काबुल के पश्चिम में स्थित मैदान शहर की देश की पहली महिला महापौरों में से एक हैं| अफ़ग़ानिस्तान के ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान की भूमिका पर उन्होंने (ज़रीफ़ा गफ़री) कहा कि,'' अफ़ग़ानिस्तान के ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान की भूमिका बहुत स्पष्ट है, अफगानिस्तान का हर बच्चा यह जानता है|
पूर्व अफगान मेयर ज़रीफ़ा गफ़री ने कहा,'..तालिबान अफगानिस्तान में मेरे घर आए, वे मुझे ढूंढ रहे थे और उन्होंने मेरे हाउस गार्ड को भी पीटा। उनके पास उन लोगों की सूची है जिन्होंने पहले उदार दृष्टिकोण अपनाया था|
ज़रीफ़ा गफ़री ने कहा,'.अफगानिस्तान हमारा था और यह हमारा रहेगा चाहे कोई भी आए। अगर मेरे जैसी महिलाएं अब नहीं हैं तो ऐसा इसलिए है क्योंकि ... एक बाघ की तरह जो दो कदम पीछे हटकर और अधिक बल के साथ वापस आएंगी |..उन्होंने कहा,'' हमें दुनिया को अफगानिस्तान में तालिबान का असली चेहरा दिखाना होगा।
पूर्व अफगान मेयर ज़रीफ़ा गफ़री ने कहा,'.मेरा उद्देश्य विभिन्न देशों के उच्च पदस्थ अधिकारियों, राजनेताओं और महिलाओं से मिलना है ताकि उन्हें अफगानिस्तान की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जा सके और उन्हें एक आंदोलन शुरू करने के लिए मेरे साथ जुड़ने के लिए कहा जा सके।
ज़रीफ़ा गफ़री ने कहा,'.मैं तालिबान नेताओं से बात करना चाहती हूं। मैं जिम्मेदारी ले रही हूं। ..मैं अपने पिता की मृत्यु को भी भूल रही हूं। मैं हर Unspoken woman की ओर से उनसे बातचीत करना चाहती हूं|
ज़रीफ़ा गफ़री से 'क्या तालिबान को अफ़ग़ान लोगों द्वारा प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा' पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ,''हाँ निश्चित रूप से। क्या आप जानते हैं कि वे (तालिबान) मेरे जैसे लोगों को क्यों मार रहे हैं? क्योंकि वे नहीं चाहते कि दूसरे लोग जानें कि वे क्या हैं। वे नहीं चाहते कि अफ़ग़ान उनके ख़िलाफ़ खड़े हों|
अफगानिस्तान में हाल की स्थिति में पाकिस्तान जैसे बाहरी लोगों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर अफगानिस्तान की पूर्व मेयर जरीफा गफारी ने कहा कि ,'पाकिस्तान की भूमिका बहुत स्पष्ट है, अफगानिस्तान का हर बच्चा यह जानता है|
ज़रीफ़ा गफ़री ने कहा,'अफगानिस्तान आज जो कुछ भी झेल रहा है, उसके लिए स्थानीय लोगों, राजनेताओं, बच्चों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सहित सभी को दोषी ठहराया जाना चाहिए। स्थानीय लोगों ने कभी भी आतंकवाद सहित सभी गलत के खिलाफ एकजुट होकर आवाज नहीं उठाई| उन्होंने कहा कि,''मैं किसी को माफ नहीं कर सकती क्योंकि आज मैंने पिछले 20 वर्षों की सभी उपलब्धियां खो दी हैं। मेरे पास आज कुछ नहीं बचा है। आज मेरे पास सिर्फ मेरी जमीन की मिट्टी है|
ज़रीफ़ा गफ़री ने कहा,''मुझे परवाह नहीं है कि तालिबान खुद व्यवहार करता है या नहीं क्योंकि हम (अफगान) अजेय हैं। तालिबान कितने लोगों को मार सकता है?
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