वाशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 2020 के नतीजों पर सियासी खींचतान जारी है|निर्वाचन नतीजों को लेकर अमेरिकी संसद की बैठक से पहले ट्रंप समर्थकों की भीड़ अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग के बाहर एकत्रित हो गई है| राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने व्हाइट हाउस और कैपिटोल हिल्स के बाहर जमकर हंगामा किया| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा कैपिटल भवन पर हमला बोलने के बाद अमेरिका की राजधानी में हुई अराजकता को देखते हुए वाशिंगटन डी.सी. में कर्फ्यू लगा दिया गया है|
इस बीच 270 चुनावी मतों के प्रमाणित होने के बाद, इलेक्टोरल कॉलेज में जो बाइडन की जीत प्रमाणित हुई है, जो यह पुष्टि करता है कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे। संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने घोषणा की कि 20 जनवरी को जो बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को आखिरकार जो बाइडेन के खिलाफ हार मान ली है। नवंबर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। वो 20 जनवरी को पद छोड़ देंगे। गुरुवार को उन्होंने इसकी पुष्टि की और वादा किया कि वह सत्ता का हस्तांतरण कर देंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि,'' 20 जनवरी को जो बिडेन को सत्ता का "व्यवस्थित" हस्तांतरण होगा|
उधर ट्रंप के समर्थकों द्वारा कैपिटल भवन पर हमला बोलने के बाद अमेरिका के अनेक सांसदों ने निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को तत्काल पद से हटाए जाने की मांग की है। सांसदों का आरोप है कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को भड़काया जिसके बाद उनके समर्थक कैपिटल परिसर में घुस गए और हंगामा किया और इससे अमेरिकी लोकतंत्र को ठेस पहुंची है
अमेरिका में एक तरफ नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को 20 जनवरी को पद की शपथ लेनी है तो दूसरी तरफ देश में अप्रत्याशित अराजकता का माहौल है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या 20 जनवरी को ट्रंप का कार्यकाल खत्म होने से पहले उन्हें पद से हटाया जा सकता है? इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि क्या ट्रंप को अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन का सहारा लेकर हटाना मुमकिन है? इस संशोधन के जरिए राष्ट्रपति की अपनी ही कैबिनेट उन्हें पद से हटा सकती है।