लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों संपन्न हुए पंचायत चुनावों में ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों की मौत के आंकड़ों पर प्रदेश सरकार और शिक्षक संगठनों की तरफ से अलग-अलग आंकड़ों को लेकर घमासान जारी है| शिक्षक संगठनों का दावा है,'पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षाकर्मियों की कोरोना से मौत हुई है जबकि यूपी सरकार के मुताबिक यह आंकड़ा महज 3 ही है। इन सबके बीच विपक्ष भी योगी सरकार पर हमलावर है|
पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए मारे गए 1621 शिक्षकों की उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ द्वारा जारी लिस्ट को यूपी सरकार द्वारा शिक्षकों की मृत संख्या मात्र 3 बताने को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज फिर योगी सरकार पर हमला बोला|
अखिलेश यादव ने कहा कि,,'उप्र का समस्त शैक्षिक जगत भाजपा सरकार द्वारा मृतक शिक्षकों व शिक्षामित्रों के प्रति तिरस्कारपूर्ण रवैये से बेहद आक्रोशित है। भाजपा सरकार मृतकों की संख्या केवल ‘3’ बता रही है। भाजपा सरकार शिक्षक संघ की ‘1621’ मृतकों की सूची को मुआवज़े का मान न देकर मृतकों का अपमान कर रही है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि,''अपनी शिक्षिका पत्नी को खोने वाले गोरखपुर के शिवशंकर प्रजापति के अनुसार "यूपी पंचायत चुनाव लोकतंत्र नहीं मौत का त्यौहार है".. चुनाव प्रत्याशी व ड्यूटी में लगे शिक्षक अपनी जान गँवा रहे हैं।चुनाव की आड़ में मौत बांटी गयी है।ये हत्याएं हैं,इनकी जवाबदेही तय हो व हर मृतक को इंसाफ मिले।