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आजमगढ़ में पुलिस द्वारा दलित परिवारों के घरों में घुसकर तोड़फोड़ व मकानों पर जेसीबी चलवाए जाने पर भड़की प्रियंका गांधी, दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग

  • by: news desk
  • 05 July, 2021
आजमगढ़ में पुलिस द्वारा दलित परिवारों के घरों में घुसकर तोड़फोड़ व मकानों पर जेसीबी चलवाए जाने पर भड़की प्रियंका गांधी, दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग

 लखनऊ: आजमगढ़ जिले के रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में 29 जून को पुलिस टीम पर हमला करने के बाद मंगलवार की रात में ही पहुंची पुलिस ने आधा दर्जन लोगों के घरों पर जेसीबी चलवा दिया। एक दर्जन लोगों के घरों में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की। पुलिसिया कार्रवाई के भय से पुरुष सदस्य गांव छोड़कर फरार हो गए हैं।



रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में दलित परिवारों पर हमला और मकानों को तोड़े जाने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है| यूपी पुलिस द्वारा दलित परिवारों पर हमले को लेकर उन्होंने कहा, यह सरकारी अमले की दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक है। तत्काल दोषियों के ऊपर कार्यवाही हो और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।




कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा,''आज़मगढ़, रौनापार के पलिया गांव में यूपी पुलिस द्वारा दलित परिवारों पर हमला करने की खबर आ रही है। वहाँ कई मकानों को तोड़ा गया, सैकड़ों पर मुकदमा दर्ज किया।  यह सरकारी अमले की दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक है। तत्काल दोषियों के ऊपर कार्यवाही हो और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।




खबरों के मुताबिक,''रौनापार थाना क्षेत्र मंगरी बाजार में मंगलवार को मऊ कुतुबपुर के डा. आनंद विश्वास के पुत्र और पलिया गांव के कुछ लोगों के बीच लड़की से बात करने के विवाद को लेकर मारपीट हो गई थी। रौनापार पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस ने पलिया गांव के प्रधान पति मुन्ना पासवान को थप्पड़ जड़ दिया। 




प्रधान पति मुन्ना पासवान को थप्पड़ मारे जाने पर गांव के लोगों ने सिपाही विवेक त्रिपाठी और मुखराम यादव हमला कर दिया था। सिपाहियों पर हमले की खबर मिलने पर थानाध्यक्ष रौनापार फोर्स के साथ गांव में पहुंचे और घायल सिपाहियों को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया। आरोपितों की धरपकड़ शुरू हुई तो पुरुष रात में ही घर से फरार हो गए। रात में लगभग नौ बजे कई थानों की पुलिस और उच्चाधिकारी मौके पर पहुंच गए। 




जेसीबी मंगवाकर मुन्ना पासवान, स्वतंत्र पासवान, राजपति और बृजभान पासवान सहित आधा दर्जन लोगों के घरों पर जबरदस्त तोड़फोड़ की गई। घरों में लगी खिड़की, दरवाजे और दीवार पुलिस ने ढहवा दिया।मकान में रखा एक-एक सामान हथौड़े से तोड़ डाले। प्रधान के घर के सामने खड़े ट्रैक्टर को भी जेसीबी से क्षतिग्रस्त कर दिया गया। 




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गांव की महिलाओं ने पुलिस पर लूटपाट और अभद्रता करने का आरोप भी लगाया है। गांव की प्रधान मंजू पासवान, पूनम, संध्या और सुनीता ने बताया कि हम लोगों को कोई जानकारी नहीं थी। रात में पुलिस आई और जेसीबी लगाकर हमारे घर को गिराने लगी। घर में रखे जेवर भी पुलिस ने लूट लिए। विरोध करने पर मारा-पीटा और गालियां दी। पुलिस की कार्रवाई से पूरे गांव में दहशत है।कई घरों में ताले लटक गए हैं। 28 नामजद सहित 143 पर मुकदमा|




पलिया गांव में पुलिस द्वारा की गई तोड़फोड़ के आरोपों को थानाध्यक्ष रौनापार तारकेश्वर राय ने बेबुनियाद करार दिया है। बताया कि पुलिस ने गांव में किसी के घर तोड़फोड़ नहीं की, बल्कि पुलिस पर दबाव बनाने और मुकदमे से बचने के लिए ग्रामीणों द्वारा ही तोड़फोड़ की गई है। हां, आरोपितों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।




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