लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के सभी सांसदों को कल से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदन में संसद के नियमों के तहत् चलकर देश, राष्ट्रहित व जनहित के मुद्दों को पूरी तैयारी एवं दमदारी के साथ उठाने के निर्देश दिए है| जनहित व देशहित के अनेकों ऐसे ख़ास मुद्दे हैं जिन पर पूरे देश भर की पीड़ित जनता केन्द्र सरकार की जवाबदेही चाहती है और जिन पर सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट व गंभीर होकर सरकार को कठघरे में खड़ा करना बहुत जरूरी है। जनता की यही चाहत व समय की माँग भी है।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि,''तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की माँग को लेकर काफी लम्बे समय से पूरे जी-जान से आन्दोलित किसानों के प्रति केन्द्र सरकार की उदासीनता अतिदुःखद। इनकी माँगों के सम्बंध में केन्द्र सरकार को संवेदनशील होकर काम करने के लिए इन पर अब संसद में पूरे विपक्ष को मिलकर हर प्रकार का दबाव बनाना बहुत जरूरी। साथ ही, केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक व अन्य नीतियों एवं कार्यकलापों आदि से देश में बढ़ती बेरोजगारी के बीच खासकर पेट्रोल, डीज़ल व रसोई गैस आदि की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि व महंगाई के आसमान छूने से भी लोगों के सामने काफी मुश्किलें बढ़ी हैं। इस पर भी केन्द्र सरकार की लापरवाही से जनता काफी त्रस्त, जिसपर संसद में सार्थक चर्चा जरूरी है।।
मायावती ने कहा कि,''किसानों की मांगों के संबंध में संसद में केंद्र पर हर तरह का दबाव बनाना जरूरी है। केंद्र सरकार की गलत आर्थिक और अन्य नीतियों की वजह से देश में बढ़ती बेरोज़गारी के बीच महंगाई के आसमान छूने से लोगों के सामने काफी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं|
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा कि,''जैसाकि यह विदित है कल से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। इस सत्र में पार्टी ने संसद के दोनों सदन में अपनी पार्टी के नेताओं व सांसदों को यह निर्देशित किया है कि वे दोनों सदन में संसद के नियमों के तहत् चलकर देश, राष्ट्रहित व जनहित के मुद्दों को पूरी तैयारी एवं दमदारी के साथ उठायें। वैसे संसद के कल से शुरू हो रहे मानसून सत्र में जनहित व देशहित के अनेकों ऐसे खास मुद्दे हैं जिन पर पूरे देश भर की पीड़ित जनता केन्द्र सरकार की जवाबदेही चाहती है और जिन पर सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट व गंभीर होकर सरकार को कठघरे में खड़ा करना बहुत जरूरी है। जनता की यही चाहत व समय की माँग भी है।
और इस मामले में खासकर केन्द्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की माँग को लेकर काफी लम्बे समय से दिल्ली सीमा पर व अन्य स्थानों पर भी पूरे जी-जान से आन्दोलित किसानों के प्रति केन्द्र सरकार की उदासीनता अति-दुःखद है तथा इनकी माँगों के सम्बंध में केन्द्र की सरकार को संवेदनशील होकर काम करने के लिए इन पर अब विपक्ष द्वारा संसद में हर प्रकार का दबाव बनाना बहुत जरूरी है।
साथ ही, केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक व अन्य नीतियों एवं कार्यकलापों आदि से देश में बढ़ती बेरोजगारी के बीच खासकर पेट्रोल, डीज़ल व रसोई गैस आदि की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि से व महंगाई के आसमान छूने से भी अब लोगों के सामने काफी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। इस पर भी केन्द्र सरकार की लापरवाही से जनता काफी त्रस्त है।
मायावती ने कहा कि,''इतना ही नहीं बल्कि देश में कोरोना पीड़ित परिवारों की मदद व तेज़ गति से टीकाकरण आदि के सम्बंध में भी सरकार ने घोषणाओं की बाढ़ तो खूब लगा दी है, किन्तु उन पर सही से अमल नहीं होने से भी देश की जनता काफी ज्यादा परेशान है, यह भी अति गम्भीर व चिन्ता की बात है। बी.एस.पी. के सांसद इन सभी खास मुद्दों को गंभीरता से उठाने के साथ ही अन्य और भी जनहित व राष्ट्रहित के मुद्दों पर अपनी पूरी तैयारी के साथ अपनी बात संसद में जरूर रखें। यह इनको पार्टी का निर्देश भी है।