भारत बंद के राष्ट्रीय आह्वान के तहत आंदोलन कर रहे किसानों की गिरफ्तारी पर क्रांतिवीर पिरई ख़ाँ स्मृति समिति योगी सरकार की अलोकतांत्रिक एवं तानाशाही रवैये पर निन्दा करता है और तत्काल रिहाई की मांग करते है।
घोसी (मऊ) में कल भारत बंद के दौरान आंदोलन कर रहे किसानों को आधी रात को एस टी एफ पुलिस ने घर से उठाया, परिवारीजनों के साथ बदसलूकी की। कई किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं के घर अभी तक पुलिस लगातार दबिश दे रही है। चार किसान नेताओं अवधेश बागी, राजेश मण्डेला, चन्द्रशेखर और राघवेन्द्र को गिरफ्तार कर जिला कारागार भेज दिया गया। सभी आन्दोलनकारी किसानों के विरूद्द कई फर्जी धाराओं में पुलिस केस दर्ज किया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर भारत बंद की कार्यवाहियों में घोसी में नेशनल हाइवे पर यातायात को किसानों ने शांतिपूर्वक रोका और इसी बीच तहसील मुख्यालय पर तहसील कर्मियों ने भारत बंद का समर्थन करते हुए तहसील कार्यालय की तालाबंदी कर दी। तय कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी का पुतला दहन किया। शांतिपूर्वक उच्च अधिकारियों ज्ञापन भी दिया। आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी गई।
4 बजे तक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन रहा। आधी रात को पुलिस ने किसान नेताओं को घर से जबरन उठाया। परिवारीजनों के विरोध करने पर उनके साथ गाली गलौच और मारपीट की गई। महिलाओं तक के बदसलूकी की गई।
क्रांतिवीर पिरई ख़ाँ स्मृति समिति, बस्ती- योगी सरकार द्वारा इस प्रकार कायराना तरीके आधी रात को घरों से किसानों की गिरफ्तारी की कार्यवाही की निन्दा करता है। साथ ही गिरफ्तार किए सभी किसानों पर से फर्जी मुकदमे वापस कराते हुए तत्काल रिहाई कराते है।