लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने कहा,''कोरोना को छोड़कर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का ध्यान इस पर है कि तथ्यों को कैसे छिपाया जाए, सबूतों को कैसे खत्म किया जाए और आंकड़ों में किस तरह से हेरा-फेरी की जाए| उन्होंने कहा,''हम सभी जानते हैं कि 'डेथ सर्टिफिकेट' नगर निगम जारी करता था, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि "मृत्यु प्रमाण पत्र" को भी CMO, लखनऊ ने आधिकारिक तौर पर अपने संरक्षण में ले लिया है|
कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने कहा,''अब से नगर निगम बिना CMO के प्रमाणित किये "मृत्यु प्रमाण पत्र" जारी नहीं कर सकता है; हम सभी यह जानना चाहते हैं कि सरकार ने यह निर्णय क्यों लिया? ...मैं आपके माध्यम से यही कहना चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज तो था ही, पर आज सारी सीमाएं जिस तरह से मौत के आंकड़ों को भी सरकार छुपाने का प्रयास कर रही है, पार हो चुकी हैं|
उन्होंने कहा,''उत्तर प्रदेश की सरकार पूरी तरह से नाकाम हो चुकी है; ऐसी सरकार जो असंवेदनशील हो, जो अपनी जनता को स्वास्थ्य की सुविधा और मरने के बाद भी सम्मानजनक अंतिम संस्कार ना दे सके ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है| उन्होंने कहा,''मुख्यमंत्री में जरा सी भी संवेदनशीलता है तो उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और अगर नहीं है तो मैं उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल से आग्रह करती हूं कि ऐसी सरकार को तत्काल बर्खास्त करें|
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''अब यह पूरी तरह साफ हो चुका है कि केंद्र सरकार और कुछ राज्य सरकारों के साथ मिलकर मौत के आंकड़ों को छुपाने का, दबाने का एक बहुत ही कुत्सित और गंदा खेल खेला जा रहा है| यह जो ख़बरें आ रही हैं वह न सिर्फ कोरोना के कुप्रबंधन को जाहिर करती हैं, लेकिन सच के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है, उसका भी पर्दाफाश ज़रूर करती हैं |
अब यह कितनी बड़ी विडंबना है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कहते हैं कि सबकुछ काबू में है; हमने दूसरी लहर पर विजय प्राप्त कर ली है; तीसरी लहर के लिए पूरी तरह तैयार हैं; जबकि सच्चाई कुछ और ही है|
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''जब से कोरोना काल शुरू हुआ है, तब से लेकर अभी तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 2268 मौतें हुई हैं| पिछले डेढ़ महीने में यानी 1 अप्रैल से 15 मई तक एक आंकड़ा आया है और 15 फ़रवरी से 31 मार्च तक का एक आंकड़ा आया है, जिसके मुताबिक 2 हज़ार अतिरिक्त मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किये गए हैं |
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''अब यह पूरी तरह स्पष्ट है कि जैसे-जैसे कोरोना का संक्रमण बढ़ा है, उसी हिसाब से, उसी गति से, उसी रफ़्तार से मौत के आंकड़ों में भी वृद्धि हुई है|
मौत के संक्रमण को क्यों छुपाया जा रहा है? इससे किसी को क्या मिलेगा? एक बार फिर यह बात सच है कि इन आंकड़ों ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है| इन आंकड़ों को छुपाने में जो मिलीभगत की जा रही है वह बंद होनी चाहिए, क्योंकि सिर्फ प्रदेश की जनता ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता यह जानना चाहती है कि आखिर सच क्या है?