नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार से नाराजगी जताते हुए जुर्माना लगा दिया है। दरअसल, गोरखपुर जिले में आमी राप्ती और रोहिन नदियों के साथ ही रामगढ़ताल में गंदा पानी गिर रहा है। नदियों में प्रदूषण फैलाने से नाराज एनजीटी ने 120 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने बिना शोधन के कम से कम प्रतिदिन 5.5 करोड़ लीटर (एमएलडी) गंदा पानी नालों, नदियों और अन्य जल निकायों में बहाने के लिए राज्य को जिम्मेदार ठहराया।
NGT ने गोरखपुर में रामगढ़ ताल, राप्ती नदी समेत गोरखपुर के आस पास की अन्य नदियों में प्रदूषण को रोकने के लिए एक कमेटी का गठन किया है| जो एक माह के भीतर बैठक करके एक्शन प्लान तैयार करेगी। इसके साथ ही छह माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
NGT ने कहा कि प्रदूषित पानी से दिमागी बुखार, जापानी बुखार जैसी बीमारियां होती हैं| इसकी वजह से गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में सैकड़ों बच्चों की जान चली जाती है|
पीठ ने कहा, हम गोरखपुर में नदियों और में 55 एमएलडी सीवेज के निर्वहन के लिए 110 करोड़ रुपये की देनदारी राज्य सरकार पर निर्धारित करते हैं।' इसके अलावा ठोस कचरे के प्रबंधन में विफलता पर 10 करोड़ रुपये हर्जाना लगाया |पीठ ने राज्य सरकार को एक महीने के भीतर संभागीय आयुक्त, गोरखपुर के नियंत्रणाधीन खाते में मुआवजा जमा करने का निर्देश दिया है।