नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 26.25 अंक फिसलकर 23,482.15 अंक पर आ गया। बजट को लेकर बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियो की भी मिलजुली प्रतिक्रिया रही।
इससे मिडकैप 0.49 प्रतिशत की गिरावट लेकर 42,884.28 अंक रह गया वहीं स्मॉलकैप 0.28 प्रतिशत बढ़कर 50,099.80 अंक हो गया।
इस दौरान बीएसई में कुल 4037 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2081 में लिवाली जबकि 1829 में बिकवाली हुई वहीं 127 में कोई बदलाव नहीं हुआ।
इसी तरह निफ्टी की 22 कंपनियां चढ़ीं जबकि अन्य 29 लुढ़क गईं। विश्लेषकों के अनुसार, बाजार ने केंद्रीय बजट पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है।
इसका मुख्य कारण वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पूंजीगत व्यय में मात्र 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि है, जो बाजार की अपेक्षाओं से कम रही।
इससे रेलवे, रक्षा और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, जिनका प्रदर्शन आमतौर पर बाजार की गति को निर्धारित करता है।
इस कारण बाजार की धारणा कमजोर हुई है। दूसरी ओर, उपभोग-आधारित क्षेत्रों को इस बजट से सबसे अधिक लाभ मिलने की उम्मीद थी
लेकिन उनके मामूली बाजार मिश्रण की स्थिति के कारण यह व्यापक बाजार को अधिक प्रभावित नहीं कर सका।
हालांकि, वर्ष के दौरान डिस्पोजेबल आय में वृद्धि और व्यवसाय करने में आसानी के चलते अर्थव्यवस्था और कॉर्पोरेट सेक्टर को समग्र रूप से लाभ मिलने की संभावना है।
बाजार धीरे-धीरे इन सकारात्मक पहलुओं को ध्यान में लेना शुरू करेगा और इसका असर आगे देखने को मिलेगा। इससे बीएसई के आठ समूहों में तेजी जबकि अन्य 13 में गिरावट रही।
हेल्थकेयर 0.10, दूरसंचार 0.37, सर्विसेज 0.85, ऑटो 1.75, एफएमसीजी 2.91, सीडी 2.89, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 2.47 और रियल्टी समूह के शेयर 3.69 प्रतिशत उछल गए।
वहीं, कैपिटल गुड्स 3.02, कमोडिटीज 0.99, ऊर्जा 1.46, वित्तीय सेवाएं 0.37, इंडस्ट्रियल्स 2.68, आईटी 1.18, यूटिलिटीज 2.15, बैंकिंग 0.06, धातु 1.49,
तेल एवं गैस 1.72, पावर 2.63, टेक 1.01 और फोकस्ड आईटी समूह के शेयर 1.46 प्रतिशत लुढ़क गए। विश्व बाजार का रुख सकारात्मक रहा।