लखनऊ: 2014 चित्रकूट सामूहिक बलात्कार मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत तीन दोषियों को उम्रकैद की सज़ा हुई और प्रत्येक को 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। सामूहिक बलात्कार के मामले में शुक्रवार को सांसद/विधायक अदालत ने समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति , आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई| गायत्री समेत तीनों अभियुक्तों पर दो-दो लाख का जुर्माना भी ठोंका है। एमपी-एमएलए की विशेष अदालत के विशेष जज पवन कुमार राय ने कहा है कि जुर्माने की समस्त धनराशि पीड़िता की नाबालिग बेटी को दी जाएगी।
एमपी/एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने बुधवार को गायत्री समेत तीन लोगों को 2014 चित्रकूट सामूहिक बलात्कार मामले में दोषी करार दिया था और सजा पर फैसला आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया था| अदालत ने तीनों को दोषी ठहराते हुए मामले के चार अन्य आरोपियों- विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू और चंद्रपाल को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया था|अभियोजन पक्ष ने मामले में 17 गवाह पेश किए थे|
यह है पूरा मामला : 18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में सामूहिक दुष्कर्म, जानमाल की धमकी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की अर्जी पर दिया था। पीड़िता ने गायत्री प्रजापति व उनके साथियों पर गैंगेरप का आरोप लगाते हुए अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी जबरन शारीरिक संबध बनाने का इल्जाम लगाया था।
पीड़ित महिला ने दावा किया था कि बलात्कार की घटना पहली बार अक्टूबर 2014 में हुई थी और जुलाई 2016 तक जारी रही तथा जब आरोपी ने उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने की कोशिश की, तो उसने शिकायत दर्ज करने का फैसला किया| 18 फरवरी, 2017 को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रजापति को मार्च में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में ही थे|