श्रावस्ती: उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में अधिकारियों की लापरवाही के कारण जिले के इस गांव में प्रधान पद के लिए प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं|जिम्मेदारों की लापरवाही का नतीजा है कि जिस गांव में एक भी व्यक्ति जनजाति समुदाय का नहीं है उस गांव को जनजाति के लिए आरक्षित कर दिया गया। लोगों की शिकायत के बाद यहां प्रधान पद के लिए नामांकन नहीं हो सका है। फर्जी कागजात के सहारे नामांकन कराने आए लोगों का पर्चा जब्त कर प्रत्याशी व प्रस्तावक को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।
श्रावस्ती जिले में विकास क्षेत्र सिरसिया की ग्राम पंचायत रामपुर देवमन और खैरी तराई को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर सीट तो आरक्षित कर दी गई। लेकिन वर्तमान समय में अनुसूचित जनजाति का कोई भी व्यक्ति यहां नहीं रहता है। इसलिए खैरी तराई में नामांकन नहीं हो सका।
रामपुर देवमन में पूर्व प्रधान ने एक महिला का ST का प्रमाण पत्र बनवा कर नामांकन पत्र जमा करना चाहा। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से कर दी और नामांकन केन्द्र के बाहर से नामांकन में साथ आए तीन लोगों को पकड़ कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। सोमवार देर शाम तक थाने में बैठाने के बाद पुलिस ने छोड़ दिया। यदि इन गांवों की आरक्षण सूची में संशोधन नहीं किया गया तो इन ग्राम पंचायतों को प्रधान नहीं मिल पाएगा। इस बारे में एसडीएम प्रवेन्द्र कुमार का कहना है कि पुरानी सूची के तहत आरक्षण निर्धारित किया गया है। इसकी रिपोर्ट भेजी गई है। निर्वाचन आयोग के निर्देश के तहत कार्रवाई की जाएगी।