शिवपुरी: मध्यप्रदेश के शिवपुरी में पिछोर SDM पर बंद हो चुके कन्या छात्रावास (प्रथम) की तत्कालीन वार्डन ने गंभीर आरोप लगाए हैं। '''छात्राओं को रात के समय बंगले पर भेज दिया करो और सुबह वापस ले जाया करो। और तुम भी बंगले पर आ जाया करो’ '', यह आरोप आदिम जाति कल्याण विभाग के तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक और वर्तमान पिछोर एसडीएम पर सीनियर कन्या छात्रावास प्रथम की तत्कालीन अधीक्षिका ने लगाए हैं|
गर्ल्स हॉस्टल वार्डन ने कलेक्टर और दूसरे बड़े अधिकारियों से शिकायत की है। उसने बताया, हॉस्टल के इंस्पेक्शन के बाद SDM ने हर रात उनके बंगले पर एक छात्रा को पहुंचाने का कहा। मैं ऐसा नहीं कर पाई तो मुझे खुद आने के लिए कहा। जब उनकी गलत डिमांड पर राजी नहीं हुई तो हॉस्टल बंद करवा दिया। छात्राओं को दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट करवा दिया। मुझे हॉस्टल के ऑफिस में अटैच कर दिया गया।
महिला वार्डन का आरोप है कि SDM बिजेंद्र यादव रात में गर्ल्स हॉस्टल का निरीक्षण करने के लिए आते थे और हर रात एक नई लड़की को बंगले पर भेजने के लिए कहा। महिला वार्डन ने ये भी आरोप लगाया है कि जब उन्होंने एसडीएम से कहा कि वो छात्राओं को बंगले पर नहीं भेज सकतीं तो एसडीएम ने उनसे ही रात में बंगले पर आने के लिए कहा। वहीं इन आरोपों को एसडीएम ने झूठा करार दिया है।
महिला वार्डन ने बताया कि जब उसने एसडीएम बिजेन्द्र यादव की डिमांड पूरी करने से मना कर दिया तो बिजेन्द्र यादव ने हॉस्टल को बंद करा दिया और छात्राओं को दूसरी जगह शिफ्ट कराते हुए मुझे हॉस्टल के ऑफिस में अटैच करा दिया। महिला वार्डन ने कलेक्टर व अधिकारियों से एसडीएम की शिकायत करते हुए कुछ तस्वीरें भी दीं हैं जिनमें एसडीएम बिजेन्द्र यादव रात के वक्त हॉस्टल का निरीक्षण करते नजर आ रहे हैं।
तत्कालीन महिला वार्डन के आरोपों पर एसडीएम बिजेंद्र यादव का कहना है कि वो अपनी जिम्मेदारी व ड्यूटी निभाने के लिए हॉस्टल्स का निरीक्षण करते थे जो आरोप महिला वार्डन के द्वारा लगाए जा रहे हैं वो बिलकुल ही निराधार और झूठे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि हॉस्टल वार्डन का ट्रांसफर एक प्रोसेस का हिस्सा था। इसी बात से नाराज होकर वह गलत आरोप लगा रही है। मैंने खुद कलेक्टर से निवेदन कर मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई की मांग की है।
मवही इस मामले में ध्य प्रदेश महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा,''मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक बंद हो चुके कन्या छात्रावास की वार्डन ने एसडीएम पर आरोप लगाया कि वो उनके साथ ही छात्राओं को भी अपनी हवस का शिकार बनाना चाहते थे। प्रशासनिक अधिकारियों का यह बुलंद हौंसला दर्शा रहा है कि "शिव राज" में "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे की हकीकत क्या है!