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छत्तीसगढ़ बजट 2021: किसानों को बिना ब्याज के 5 हजार 900 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण, कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत...

  • by: news desk
  • 01 March, 2021
छत्तीसगढ़ बजट 2021: किसानों को बिना ब्याज के 5 हजार 900 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण,  कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत...

रायपुर: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने सोमवार तीसरा बजट पेश किया है| छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में अपनी सरकार का तीसरा बजट पेश किया| इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान, रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस रहा| 



बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल  ने कहा कि,'' ‘‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’’ के मूल मंत्र में समाहित भावनाओं को आगे बढ़ाते हुये आज मैं सदन के समक्ष अपनी सरकार का तीसरा बजट प्रस्तुत कर रहा हूँ।  अध्यक्ष महोदय, देश-दुनिया समेत छत्तीसगढ़ की सरकार के लिये भी पिछला वर्ष बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहा है। कोविड-19 महामारी के संक्रमण से बचाव हेतु लागू लॉकडाउन के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित रहीं, जिसके कारण राजस्व प्राप्तियों में कमी आयी। महामारी काल में आजीविका के साधनों की कमी के कारण आम जनता को राहत पहुंचाने हेतु कल्याणकारी योजनाओं में अधिक संसाधनों की आवश्यकता पड़ी।




भूपेश बघेल ने कहा कि,'' ‘‘हमारी सरकार ने इस दो-तरफा दबाव का दृढ़ता से सामना करते हुए जनता के हित में लगातार कार्य किया और मुझे यह कहते हुये संतोष है कि शासन-प्रशासन की सजगता एवं जनता के प्रयासों से राज्य पर इस आपदा का दुष्प्रभाव कम हुआ। बघेल ने कहा कि,'' ‘मुझे यह कहते हुए गर्व है कि संकट के दौर में भी हमारी सरकार के संवेदनशील और सुसंगत प्रयासों के कारण महात्मा गांधी नरेगा योजना में रोजगार देने तथा मजदूरी भुगतान करने का कीर्तिमान बना। वनोपज खरीदी का राष्ट्रीय कीर्तिमान बना। शिक्षा, स्वास्थ्य तथा पोषण के लिए किए गए नवाचारों तथा प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी एवं पुनर्वास के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली।




हमने संक्रमण की रोकथाम तथा उपचार के लिये त्वरित निर्णय लिये। स्वास्थ्य विभाग के लिये 670 करोड़ के अतिरिक्त बजट की तत्काल व्यवस्था की गई। कोरोना संक्रमण की जांच हेतु 6 RT-PCR लैब और 18 TrueNAT लैब की तत्काल स्थापना की गई। मार्च 2020 में शासकीय अस्पतालों में आईसीयू बिस्तर क्षमता केवल 53 थी, जिसकी संख्या बढ़कर 406 बिस्तर हो चुकी है। कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु 30 कोविड समर्पित अस्पताल तथा 178 कोविड केयर सेन्टर स्थापित किये जाने से मरीजों के उपचार में तेजी आयी व प्रदेश की जनता का मनोबल बढ़ा।


सुराजी ग्राम योजना के तहत स्थानीय संसाधनांे के संरक्षण व पुनर्जीवन का हमारा अभियान कोरोना संकटकाल के दौरान बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ और आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रारंभ की गई इस योजना के तहत कृषि, पंचायत एवं वन विभाग में उपलब्ध राशि के अभिसरण से स्वीकृत लाखों विकास कार्याें के कारण संकट के दौर में भी छत्तीसगढ़ में ग्रामीण रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई।



 हमने गोबर को गोधन बनाने की दिशा में सुविचारित कदम उठाते हुये गोधन न्याय योजना लागू की, जिसमें पशु पालकों से गोबर क्रय करके गोठानों में वर्मी कंपोस्ट एवं अन्य उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। योजना के क्रियान्वयन से जैविक खेती एवं गौ-पालन को बढ़ावा, पशु पालकों को आर्थिक लाभ तथा रोजगार के नये अवसरों का सृजन हो रहा है। हमारी इस पहल को भारत सरकार एवं अन्य राज्यों द्वारा भी सराहा गया है।



हमारे प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में विशिष्ट सृजनात्मक कलाओं की बहुलता है, जिसे रोजगार के अवसर में ढालने के लिये शहरी क्षेत्रों में पौनी-पसारी योजना शुरू की गई थी, इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अब ग्रामीण क्षेत्रों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की जायेगी, जहां परम्परागत व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन एवं विपणन की सुविधा प्रदान की जायेगी।



छत्तीसगढ़ के स्थानीय कृषि उत्पादों जैसे ढेकी का कूटा चावल, घानी से निकला खाद्य तेल, कोदो, कुटकी, मक्का से लेकर सभी तरह की दलहन फसलें, विविध वनोपज जैसे इमली, महुआ, हर्रा, बहेरा, आंवला, शहद एवं फूलझाड़ू इत्यादि व वनोपज से निर्मित उत्पाद तथा टेराकोटा, बेलमेटल, बांसशिल्प, चर्मशिल्प, लौहशिल्प, कोसा सिल्क तथा छत्तीसगढ़ी व्यंजनों जैसी सभी सामग्रियों को एक ही छत के नीचे विपणन की सुविधा प्रदान की जायेगी। इसके लिये राज्य एवं राज्य के बाहर सी-मार्ट स्टोर की स्थापना की जायेगी, जो विशिष्ट छत्तीसगढ़ी ब्राण्ड के रूप में मशहूर होंगे। योजना के माध्यम से स्थानीय उत्पादकों को अधिक लाभांश दिलाने की व्यवस्था भी की जायेगी।





आर्थिक स्थिति
अध्यक्ष महोदय, अब मैं राज्य की आर्थिक स्थिति का ब्यौरा सदन के सामने प्रस्तुत करता हूँ। राज्य के विगत वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार स्थिर दर पर वर्ष 2019-20 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद मंें 5.32 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान किया गया था, किन्तु अद्यतन प्रस्तुत त्वरित अनुमान के अनुसार 5.12 प्रतिशत की वृद्धि संभावित है। राष्ट्रीय स्तर पर 4.2 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में राज्य की वृद्धि दर 1 प्रतिशत अधिक है।



वर्ष 2020-21 में स्थिर भाव पर राज्य में कृषि क्षेत्र में 4.61 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में (-)5.28 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। इस प्रकार कृषि, औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्रों में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर, राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर क्रमशः 3.4 प्रतिशत, (-)9.6 प्रतिशत एवं (-)8.8 प्रतिशत की तुलना में काफी संतोषजनक है।



प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2019-20 में 3 लाख 44 हजार 955 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 3 लाख 50 हजार 270 करोड़ होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.54 प्रतिशत अधिक है। राष्ट्रीय स्तर पर (-)7.7 प्रतिशत की कमी की तुलना में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में यह वृद्धि राज्य के आर्थिक विकास का सुखद संकेत है।



वर्ष 2019-20 में अनुमानित प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 05 हजार 59 रूपये की तुलना में वर्ष 2020-21 में 1 लाख 04 हजार 943 रूपये का अनुमान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में मात्र 0.14 प्रतिशत कम है। इसी अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय के आंकड़ों में 5.41 प्रतिशत की कमी अनुमानित की गई है।



वर्ष 2021-22 के केन्द्रीय बजट में राज्य के लिये केन्द्रीय करों में हिस्से की राशि चालू वर्ष की तुलना में 4 हजार 128 करोड़ की कमी के साथ 22 हजार 675 करोड़ प्रावधानित की गयी है। चालू वर्ष के प्रारंभ की तुलना में अंतिम त्रैमास में राज्य की राजस्व प्राप्तियों में सुधार को देखते हुये, हमने राज्य के स्वयं के राजस्व को आगामी वर्ष के लिए इस वर्ष के स्तर पर अनुमानित किया है।





H-Holistic Development (समग्र विकास)
HEIGHT का पहला एच, होलिस्टिक डेवलपमेंट यानि समग्र विकास का सूचक है। इस समग्र विकास का लाभ हमारे किसानों को, श्रमिकों को, वनवासी भाईयों को, माताओं और बच्चों को समान रूप से प्राप्त होता है। विकास की इस अवधारणा में बड़े नगरों का आधुनिकीकरण के साथ-साथ सूदूर दुर्गम क्षेत्र के गांवों में भी बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं। विकास की इस प्रक्रिया में सुशासन की स्थापना के लिये आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग कोे प्रोत्साहित करते हैं, साथ ही अपनी संस्कृति और परम्पराओं का संरक्षण कर उन्हें चिरंजीवी रखने के लिये भी पूर्ण प्रयास करते हैं।





किसानों को न्याय
1. राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान एवं अन्य फसलों को शामिल करके बोये गये रकबे के आधार पर किसानों को प्रोत्साहन राशि देकर हमनें कास्त लागत को कम करने का प्रयास किया है। इससे कृषि क्षेत्र में निवेश एवं फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है। इस वर्ष 20 लाख 53 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में सर्वाधिक है। इस वर्ष वन अधिकार मान्यताधारी 32 हजार 23 कृषकों से भी 10 लाख 70 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।


2. बस्तर संभाग के 7 आदिवासी बहुल जिले एवं मुंगेली जिले से चयनित कुल 14 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा तथा किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु चिराग योजना के लिए 2021-22 के बजट में 150 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
3.कृषक जीवन ज्योति योजना अंतर्गत कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। योजना में लगभग साढ़े 5 लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा।
4.कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण के लिये डेढ़ सौ करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है।
5.सौर सुजला योजना अंतर्गत हमारी सरकार के गठन के पश्चात अब तक 31 हजार 712 सोलर पंपों की स्थापना की जा चुकी है। वर्ष 2021-22 में इस योजना के लिये 530 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।



6. किसानों को शून्य ब्याज दर पर 5 हजार 900 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। ब्याज अनुदान के भुगतान हेतु  वर्ष 2021-22 में 275 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।



7.फसल बीमा योजना में 606 करोड़, कृषक समग्र विकास योजना में 81 करोड़, कृषि यंत्र सेवा केन्द्र की स्थापना एवं कृषि यंत्रों पर अनुदान एवं निःशुल्क वितरण हेतु 95 करोड़ का प्रावधान किया गया है। । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं शाकम्बरी योजना में 123 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ।



8. नगद आमदनी के कारण फल-फूल एवं सब्जियों की खेती के प्रति कृषकों की रूचि बढ़ रही है। इस वर्ष 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बहुवर्षीय फलोद्यान, 4 हजार 500 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन तथा 13 सौ हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती हेतु अनुदान देने का लक्ष्य रखा गया है। कुल उद्यानिकी फसलों के लिए 2021-22 में 495 करोड़ के बजट का प्रावधान रखा गया है।





बजट के मुख्य प्रावधान

1. बस्तर संभाग के सभी जिलों में बस्तर टाइगर्स नाम से विशेष पुलिस बल का गठन

 2. छत्तीसगढ़ी कला, शिल्प, वनोपज, कृषि एवं अन्य सभी प्रकार के उत्पादों तथा व्यंजनों को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने के लिए "सी-मार्ट" स्टोर की स्थापना

3.शहरों में पौनी पसारी योजना के समान ग्रामीण क्षेत्रों में रूरल इण्डस्ट्रियल पार्क की स्थापना

4. मत्स्य पालन को कृषि के समान दर्जा दिया जायेगा

 5. परंपरागत ग्रामीण व्यवसायिक कौशल को पुनर्जीवित करने 4 नये विकास बोर्डो का गठन –तेलघानी, चर्म शिल्पकार, लौह शिल्पकार एवं रजककार विकास बोर्ड 

6. ग्रामीण कृषि भूमिहीन श्रमिकों के लिए नवीन न्याय योजना प्रारंभ की जायेगी।

7.तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए "शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक

सुरक्षा योजना" 

8. पत्रकारों को दुर्घटना जन्य आकस्मिक मृत्यु पर परिवार को 5 लाख की सहायता 

9. द्वितीय संतान बालिका के जन्म पर कौशल्या मातृत्व योजना अंतर्गत महिलाओं को 5,000 की एकमुश्त सहायता 

10. किसानों को खेतो तक आवागमन सुविधा हेतु मुख्यमंत्री धरसा विकास योजना 

11. नवा रायपुर में भारत भवन, भोपाल की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक परिक्षेत्र की स्थापना 

12. श्री राम वनगमन पर्यटन परिसर के लिए 30 करोड़ का प्रावधान 

13. स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के अंतर्गत 119 नये अंग्रेजी स्कूल 

14. नवा रायपुर में राष्ट्रीय स्तर के बोर्डिंग स्कूल की स्थापना

 15. पढ़ना लिखना अभियान योजना के लिए 5 करोड. 85 लाख का प्रावधान

 16. 7 नवीन महाविद्यालय तथा 3 कन्या महाविद्यालय की स्थापना 

17. 14 महाविद्यालयों में स्नातक तथा 15 महाविद्यालयों में पीजी पाठ्यक्रम प्रारंभ 

18. 9 बालक एवं 9 नवीन कन्या छात्रावास की स्थापना 

19. 6 नवीन महाविद्यालय भवन निर्माण

 20. 2 नवीन आईटीआई की स्थापना

 21. 12 नये रेल्वे ओवर ब्रीज, 151 नवीन पुल, 585 सड़कों के निर्माण के लिए कुल 504 करोड़

का नवीन मद प्रावधान 

22. नक्सल प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में 104 सड़क एवं 116 पुल निर्माण के लिए 12 करोड़ का प्रावधान




23. नवीन सिंचाई योजनाओं हेतु नवीन मद में 300 करोड़ का प्रावधान 

24. नगरीय क्षेत्रों में नई जल प्रदाय योजनाओं के लिए 45 करोड़ का प्रावधान 

25. पंडरी रायपुर में 350 करोड़ की लागत से जेम्स एवं ज्वेलरी पार्क की स्थापना

 26. नदियों के किनारे खेतों को सिंचाई की सुविधा के लिए विद्युत लाईन के विस्तार के लिए प्रावधान
27. ग्राम गोढ़ी, जिला बेमेतरा में बायो इथेनाल प्रदर्शनी स्थल संयंत्र की स्थापना 

28. 11 नई तहसीले एवं 5 नये अनुविभागों की स्थापना 

29. कन्या छात्रावास एवं आश्रमों में महिला होमगार्ड के 2200 नवीन पदों का सृजन 

30. चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज दुर्ग का शासकीयकरण 

31. राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु 5,703 करोड़ का प्रावधान

 32. कृषक जीवन ज्योति योजना अंतर्गत 2,500 करोड़ का प्रावधान 

33. कृषि पंपों के ऊर्जीकरण हेतु 150 करोड़, सौर सुजला अंतर्गत 530 करोड़ का प्रावधान 

34. किसानों को बिना ब्याज का 5,900 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य

 35. गोधन न्याय योजना हेतु 175 करोड़ का प्रावधान 

36. असंगठित श्रमिकों के लिए राज्य स्तरीय हेल्पडेस्क सेंटर की स्थापना 

37. छत्तीसगढ़ सड़क एवं अधोसंरचना विकास निगम को 5,225 करोड़ लागत की 3,900 कि.मी.
लंबी सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु 150 करोड़ का प्रावधान 

38. मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान

 39. एडीबी फेस-3 परियोजना में 825 कि.मी. लंबाई की 24 सड़कों के लिए 940 करोड़ का प्रावधान
40. सिंचाई की 4 वृहद परियोजनाओं अरपा भैसाझार, केलो, राजीव समोदा व्यपवर्तन एवं सोंढूर
हेतु 152 करोड़ का प्रावधान 

41. पटवारियों के मासिक स्टेशनरी भत्ता में 250 रूपये की वृद्धि

 42. स्वच्छता दीदियों के मानदेय को 5,000 से बढ़ाकर 6,000 किया जायेगा 

43. नवीन चिकित्सा महाविद्यालय कांकेर, कोरबा एवं महासमुंद के भवन निर्माण हेतु 300 करोड़
का प्रावधान

44. सन्ना, जशपुर, शिवरीनारायण-जांजगीर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं रिसालो-भिलाई में 30 बिस्तर अस्पताल की स्थापना 

45. मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनीक योजना हेतु 13 करोड़ का प्रावधान






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