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रायबरेली के इंदिरा नगर में हुई हत्याकांड का खुलासा: लूट के इरादे से की थी महिला की हत्या, 2 हत्यारोपी गिरफ्तार, एक फरार

By tvlnews November 22, 2022
रायबरेली के इंदिरा नगर में हुई हत्याकांड का खुलासा: लूट के इरादे से की थी महिला की हत्या, 2 हत्यारोपी गिरफ्तार, एक फरार

रायबरेली: रायबरेली जिले के थाना कोतावाली नगर क्षेत्रान्तर्गत इंदिरा नगर में हत्या-डकैती कांड का खुलासा हुआ है| 19 नवम्बर 2022 को 3 युवकों ने लूट के इरादे से 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला की घर मे घुसकर हत्या कर दी थी|  पुलिस ने आज मंगलवार को ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करते हुए लूट के इरादे से बुजुर्ग महिला की घर मे घुसकर हत्या करने वाले 2 हत्यारों को आलाकत्ल सहित गिरफ्तार किया| जब एक हत्यारोपी अभी फरार है|


गिरफ्तार हत्यारोपियों की पहचान कोतावाली नगर के कप्तान का पुरवा निवासी रामराज पाल पुत्र शीतलदीन और थाना भदोखर क्षेत्र के बेलाटिकई निवासी संदीप पुत्र रामसुमेर के रूप में हुई है|  फरार हत्यारोपी विकास पुत्र रामराज पाल कप्तान का पुरवा का रहने वाला है, जोकि गिरफ्तार रामराज पाल का बेटा है|


उल्लेखनीय है कि दिनांक 19 नवम्बर 2022 को समय करीब 6.45 बजे थाना कोतावाली नगर क्षेत्रान्तर्गत इन्दिरा नगर निवासी स्नेह कुमारी शुक्ला पत्नी स्व0 विरेन्द्र शंकर शुक्ला की हत्या होने की सूचना उनके भाई सोमप्रकाश के द्वारा कोतवाली नगर पुलिस को दी गयी थी। 


पुलिस अधीक्षक ने बताया, "प्राप्त सूचना पर तत्काल उच्चाधिकारीगण द्वारा प्रभारी निरीक्षक कोतवाल नगर/फॉरेंसिक टीम/पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया गया तथा विधिक कार्यवाही करते हुए शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया था| घटना के अनावरण हेतु 05 टीमों का गठन किया गया था। प्राप्त तहरीर के आधार पर धाना कोतवाली नगर पर अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की प्रारम्भ की गयी और गहनता से सभी पहलुओं पर जांच की जा रही थी।  ह्युमन एण्ड टेकनिकल इंटेलीजेंस की सहायता से घटना का सफलतापूर्वक खुलासा किया गया। 


पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त संदीप ने बताया, दिनांक 19 नवम्बर 2022 को मै रामराज और उनके लड़के विकास के साथ MIG-87 इन्दिरा नगर, स्नेह कुमारी शुक्ला के यहां गार्डन की घास काटने / मजदूरी करने के लिये गये थे | सुबह 10.00 बजे से 1.30 बजे तक घास काटने के बाद मै और विकास अपनी मजदूरी लेकरकप्तान का पुरवा चले गये और उसके 01 घण्टे बाद रामराज भी वापस आ गये। 



रामराज पहले से ही स्नेह कुमारी शुक्ला को जानते थे, उनके यहां मजदूरी करने आया-जाया करते थे । रामराज के द्वारा मुझे और विकास को बताया गया कि स्नेह कुमारी शुक्ला के पास बहुत पैसा है और अकेले रहती है यदि इन्हें मार दिया जाये तो अच्छा खासा धन मिल सकता है। इसी बात को मैंने और विकास ने अपने दिमाग में रखकर लूट की योजना बनाई


शाम 4.00 बजे मैं और विकास घर से निकल कर शराब के ठेके पर आये और शराब पिये तथा सीसीटीवी कैमरे मे रिकार्ड न हो इसके लिये बचते बचाते बीरबल के अस्पताल के पीछे झांडियों से छिपते हुये रस्तोगी के खण्डहर की बाउन्डरी फांद कर स्नेह कुमारी शुक्ला के घर मे घुसे और उनका दरवाजा खटखटाया। 


स्नेह कुमारी शुक्ला हमें पहले से जानती/पहचानती थी इसलिये उन्होने दरवाजा खोल दिया और जैसे ही स्नेह कुमारी शुक्ला ने दरवाजा खोला तो विकास ने स्नेह कुमारी का मुंह अपने हथेली में जोर से दबा लिया और हम दोनों मिलकर उन्हें घसीटते हुये किचन तक ले गये, वहां नीचे जमीन पर लिटा दिया। 


मैने स्नेह कुमारी शुक्ला के हाथ को पकड़ रखा था और पास मे ही रखे चाकू से विकास ने स्नेह कुमारी शुक्ला की गर्दन काट दी |जब खून निकलने लगा और वह बेहोश हो गयी तो दोनों ने घर मे रखे बक्से और अलमारी को खंगाला तो बक्से से केवल 6000/- रुपये मिले तथा एक मोबाइल मिला जो विकास ने अपने पास रख लिया था। 


किसी को शक ना हो, इसलिये हम लोगों ने घर का सारा सामान बिखरा दिया ताकि लोगों को लगे की कोई चोरी करने घर मे घुसा था। इसके बाद हम लोग जिस रास्ते से घर मे घुसे थे उसी रास्ते से वापस चले गये, जो रुपये वहां से मिले थे उन्हे हम लोगों ने आपस में बांट लिया जिसमें मुझे 2000/-, विकास को 3000/- और रामराज को 1000/- रुपये मिला था और वह मोबाइल विकास ने अपने पास रखा हुआ है।

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