रायबरेली: कानपुर- उन्नाव के बाद रायबरेली जिले में हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं| कोरोना महामारी के दौरान सैकड़ों मृतकों के शव गंगा नदी के रेत के ऊपर ही दफन कर दिये गए| भारी संख्या में गंगानदी के रेत में दफन किए जा रहे। शवों को लेकर अब ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि रात में कुत्ते शवों को खाते भी है साथ ही शवों की दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल है।
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के प्रभारवाले जिले रायबरेली के गेगासों गंगाघाट से विचलित करने वाली ये तस्वीरें सामने आई तो जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और एडीएम प्रशासन ने इन तस्वीरों को भ्रामक व अफवाह बताते हुए तत्काल एक लेटर जारी कर दिया गया, जिसमें यह लिखा गया है। संज्ञान में आया है की गेगासो के गंगा नदी में कुछ लाशों के देखने की भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है| इस संबंध में उपजिलाधिकारी लालगंज स्वयं मौके पर जाकर क्षेत्राधिकारी व थानाध्यक्ष के साथ निरीक्षण कर लिया गया है, उक्त खबर पूर्णतया भ्रामक व फर्जी पाई गई।
लेकिन इस मामले पर ऑफिस में बैठे हुए एडीएम प्रशासन द्वारा पर्दा डालने का काम तो शुरू कर दिया गया| लेकिन बड़ी तादातों में लाशों का इस तरह से दफन होना सरकारी आंकड़ों के साथ-साथ जिले की व्यवस्थाओं का भी पर्दाफाश करता नजर आ रहा है।
रायबरेली जिले के सरेनी थाना थाना क्षेत्र गेगासो गंगा घाट की यह तस्वीरें लोगों के दिल को दहलाने वाली है। वहां पर मौजूद स्थानीय लोगों से जानकारी ली गई तो लोगों ने बताया जो लाशें गंगा की रेतों में दफन है ज्यादातर लोग आर्थिक मजबूरी के कारण नहीं जला पाए क्योंकि बड़ी तादात में हो रहे अंतिम संस्कार पर अवसर वादियो ने लकड़ी पर भी कालाबाजारी करने से नहीं बाज आए और लकड़ी की कीमत 4 से 5 गुना अधिक दामों पर बिकने लगी |जिसके कारण ही लोगों के पास पैसे के अभाव में लाशों को इस तरह से दफन करना पड़ा।
रिपोर्ट-अभिषेक बाजपेयी