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महंत नरेंद्र गिरि की मौत: महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने हरिद्वार से हिरासत में लिया

  • by: news desk
  • 20 September, 2021
महंत नरेंद्र गिरि की मौत: महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने हरिद्वार से हिरासत में लिया

प्रयागराज:  अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। सोमवार को महंत नरेंद्र गिरि अपने बाघंबरी मठ स्थित आवास पर मृत पाए गए। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का शव सोमवार को फांसी के फंदे से लटकता मिला। महंत के शिष्यों के मुताबिक, घटना के समय दरवाजा भीतर से बंद था और उन्होंने दरवाजा तोड़कर उन्हें फंदे से उतारकर जमीन पर लिटाया। 



घटनास्थल से सात-आठ पेज का सुसाइड नोट भी मिला है,''जिसमें उन्होंने शिष्य आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप लगाया है| सुसाइड नोट में आनंद गिरि के अलावा दो और लोगों के नाम हैं। इस नोट को वसीयतनामा के रूप में लिखा गया है।



महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।  ADG (क़ानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा,''पुलिस को सूचना मिली थी की महंत जी ने आत्महत्या की है। सूचना मिलने पर IG और उनकी टीम मौके पर पहुंची और उनके शरीर को पंखे से उतारा। हमको मौके से सुसाइड नोट मिला था जिसपर उन्होंने आनंद गिरि तथा दो अन्य लोगों के विरुद्ध आरोप लगाए हैं| तुरंत कार्रवाई करते हुए हमने आनंद गिरि को उत्तराखंड पुलिस की सहायता से हरिद्वार से हिरासत में लिया। एक टीम वहां भेजी जा रही है जो पूर्ण सुरक्षा के बीच उसको लाएगी और आगे की पूछताछ इसमें की जाएगी|



आनंद गिरि ने खुद को बताया बेकसूर, बोले गुरू जी हुई है हत्या
हिरासत में लिए जाने के पहले आनंद गिरि मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि इस बात में उन्हें कोई शक नहीं कि उनके गुरू  महंत नरेंद्र गिरि की हत्या की गई है। इसमें कौन लोग शामिल है, इस बात का खुलासा होना चाहिए। कई लोग ऐसे हैं जिन पर उन्हें शक है और सच्चाई सामने आनी चाहिए। मैं अगर दोषी पाया जाता हूं तो फिर मुझे भी सजा मिलनी चाहिए।




 आनंद गिरि ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या नहीं की है, उनकी हत्या की गई है। महंत ऐसा नहीं कर सकते, उन्हें मारा गया है और मुझे फंसाने की कोशिश हो रही है। गुरुजी बहुत बड़ी साजिश का शिकार हुए हैं, असली दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। वे मेरी भी हत्या करवा सकते हैं। आनंद गिरी ने कहा कि गुरुजी ने कभी अपने हाथ से पत्र ही नहीं लिखा था, वो इतना लंबा पत्र लिख ही नहीं सकते।



आनंद गिरि ने कहा कि मैं हर जांच के लिए तैयार हूं, भाग नहीं रहा हूं, अगर दोषी हूं तो मुझे जरूर सजा मिले। आनंद गिरि ने कुछ लोगों पर उंगली उठाते हुए कहा कि उनके कुछ शिष्यों के पास 5-5 करोड़ के बंगले तक हैं, आखिर ये कहां से आया।





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