प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों, कस्बों व ग्रामीण इलाकों में संक्रमण तेजी से बढ़ने तथा मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे चल रही है| इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि राम भरोसे है छोटे शहरों की स्वास्थ्य व्यवस्था|
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की स्थिति 'राम भरोसे' है।जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और अजीत कुमार की खंडपीठ ने कहा, "छोटे शहरों और गांवों से संबंधित राज्य की पूरी चिकित्सा प्रणाली को केवल एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत 'राम भरोसा' की तरह ही लिया जा सकता है।"
हाई कोर्ट ने सुझाव दिया है कि,बड़े औद्योगिक घराने अपना धार्मिक फण्ड वैक्सीन खरीदने में लगाये| सरकार खुद वैक्सीन बनाये और दूसरी कम्पनियों को वैक्सीन बनाने के फार्मूले दिए जा सकते हैं|
कोर्ट ने दिया आदेश है कि प्रदेश के BHU, गोरखपुर, प्रयाग,आगरा, मेरठ मेडिकल कॉलेजों को SGPGI स्तर का बनाया जाये| हर छोटे शहरों में 20 एम्बुलेंस और हर गांव में ICU सुविधा वाली 2 एम्बुलेंस होनी चाहिए।सरकार मेडिकल कॉलेजों के upgradation प्लान के साथ अगली डेट 22 मई को रिपोर्ट दे| हर नर्सिंग होम में ऑक्सीजन सुविधा और वेंटिलेटर होने चाहिए 30 बेड से ऊपर के हर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट हो।