बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है| इस वीडियो में राजद नेता तेजस्वी यादव के एक फोन कॉल्स का है, जिसमें वह पटना के जिला अधिकारी चंद्रशेखर सिंह से बात करते हुए नजर आ रहे हैं। शुरुआत में डीएम सिंह ये समझ नहीं पाते हैं कि उनकी बात बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से हो रही है और वे कॉल को गंभीरता से नहीं लेते हैं। लेकिन जैसे ही तेजस्वी उन्हें अपना परिचय देते हैं, डीएम चंद्रशेखर सिंह 'सर' कह कर संबोधित करना शुरू कर देते हैं। डीएम का यह जवाब सुनते ही वहां मौजूद लोग ताली बजाने लगते हैं और जिंदाबाद का नारा गुंजने लगता है।
दरअसल बिहार में टीईटी पास शिक्षक अभ्यर्थी अपनी मांग को लेकर इको पार्क में धरना प्रदर्शन कर रहे थे| इस कड़ी तेजस्वी यादव वहां एक बार फिर अचानक पहुंच गए, जिससे अभ्यर्थियों में काफी जोश आ गया| तेजस्वी यादव ने भी उन अभ्यर्थियों को हौसला बढ़ाया|बातचीत के दौरान ही तेजस्वी यादव ने पटना के डीएम को फोन लगाया है| यह फोन कॉल तेजस्वी ने टीईटी पास शिक्षक अभ्यर्थी पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज करने को लेकर लगाया|
पहले तो डीएम साहब उनसे अजीबोगरीब तरीके से बात करने लगे| लेकिन, जैसे ही आरजेडी नेता ने कहा कि हम तेजस्वी यादव बोल रहे हैं, डीएम साहब जी…जी करने लगे| ये बात सुनते ही लोग जिंदाबाद के नारे लगाने लगे| इसके बाद तेजस्वी यादव ने डीएम साहब को सारी बातें बताई और अभ्यर्थियों की समस्याओं से अवगत भी कराया|
दरसअल, बुधवार की देर शाम तेजस्वी यादव इको पार्क पहुंचे थे। यहां पर टीईटी अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को राजधानी पटना के गर्दनीबाग में प्रदर्शन कर रहे टीईटी अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था और उन्हें वहां से हटा दिया गया था। इसके बाद टीईटी अभ्यर्थी इको पार्क जाकर धरना देने लगे। यहां जाने पर उन्होंने टीईटी अभ्यर्थियों की समस्या सुनी। तेजस्वी ने डीजीपी और मुख्य सचिव से बात की और टीईटी अभ्यर्थियों के लिए गर्दनीबाग में धरना देने के लिए इजाजत की मांग की।तेजस्वी यादव के हस्तक्षेप के बाद अभ्यर्थियों को गर्दनीबाग में धरना-प्रदर्शन करने की इजाजत मिल गई|
तेजस्वी ने ट्वीट भी किया| उन्होंने लिखा है, वादानुसार आज प्रशासन ने गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों को अनुमति नहीं दी जिसके चलते सभी अभ्यर्थी टिकट लेकर इको पार्क पहुंच गए। शाम को वहाँ पहुँचा और मुख्य सचिव, डीजीपी और डीएम से बात कर अनुमति मिलने के बाद रात्रि में पैदल मार्च कर उन्हें दोबारा धरना स्थल पर पहुँचा कर आया।
स्वीकृत धरना स्थल पर प्रदर्शन करना आंदोलनकारियों का लोकतांत्रिक अधिकार है। *सरकार कैसे उन्हें अनुमति नहीं दे सकती? *प्रशासन कैसे निर्दोष युवाओं,महिलाओं और दिव्यांगों पर लाठीचार्ज कर सकता है? *हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद क्यों 94000अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा?
*शिक्षा मंत्री अपने घर में क्यों दुबके बैठे है? *दो-दो उपमुख्यमंत्री और CM 94000 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर क्यों नहीं बोल रहे है? पढ़ाई,दवाई,कमाई,सिंचाई,सुनवाई और कारवाई हमारा मुख्य मुद्दा है।मैं सदा बेरोजगारों,छात्रों, शिक्षकों,नौजवानों और किसानों के समर्थन में हूँ और रहूँगा।
नियुक्ति की आस में पटना में धरना-प्रदर्शन कर रहे 94000 शिक्षक अभ्यर्थियों पर नीतीश कुमार द्वारा बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज करा रात्रि में उनकी रसोई और पंडाल को उखड़वाना घोर अलोकतंत्रिक और निंदनीय है।अभी आंदोलनकारियों से मुलाक़ात में अधिकारियों से बात कर गिरफ़्तार आंदोलनकारी नेताओं को छोड़ने, केस वापस लेने और प्रदर्शनकारियों को वापस धरना स्थल भेजने का आश्वासन मिला है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं स्वयं धरना स्थल जाऊँगा। सरकार कब तक बेरोजगारों को सड़क पर रख लाठीचार्ज करती रहेगी?