नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में जारी विवाद के बीच चिराग पासवान ने नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है| पासवान ने कहा कि,''जब मैं बीमार था, उस समय मेरे पीठ पीछे जिस तरह से ये पूरा षड्यंत्र रचा गया। मेरे चाचा ने खुद चुनाव प्रचार में कोई भूमिका नहीं निभाई। मैंने उस समय अपने चाचा से बात करने की भी कोशिश की लेकिन मैं असफल रहा|
चिराग पासवान के प्रेसवार्ता के बाद पशुपति कुमार पारस ने कहा कि,'हम एनडीए के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन वह (चिराग पासवान) इसके लिए राजी नहीं हुए। यही वजह है कि लोजपा खत्म होने की कगार पर|
पशुपति कुमार पारस ने कहा कि,''आप चिराग पासवान से जरूर पूछें कि उन्होंने मुझे प्रदेश अध्यक्ष पद से क्यों हटाया। सत्ता न होने पर भी उन्होंने ऐसा किया। पारस ने कहा,'' हमने अपनी देखरेख में बिहार का चुनाव लड़ा और सभी 6 सांसद जीते। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार हमें सर्वाधिक मत प्रतिशत प्राप्त हुआ
पशुपति कुमार पारस ने कहा कि,'''हमारी पार्टी के संविधान में साफ लिखा है कि एक व्यक्ति-एक पद। चिराग पासवान 2013 से पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन हैं, 2019 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया, इसके लिए चुनाव नहीं हुआ, नामांकन नहीं हुआ। इसके बाद वो संसदीय दल के नेता बनें|
पार्टी के संविधान के खिलाफ एक व्यक्ति 3 पद पर रहा, इसलिए पार्टी ने फैसला लिया कि इन्हें (चिराग पासवान) संसदीय दल के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त किया जाए|
लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाए जाने को लेकर पार्टी नेता चिराग पासवान ने कहा कि,', कुछ जगह ख़बर चल रही है कि मुझे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाया जा चुका है। लोक जनशक्ति पार्टी का संविधान कहता है कि पार्टी अध्यक्ष का पद सिर्फ दो परिस्थितियों में खाली हो सकता है या तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का निधन हो या राष्ट्रीय अध्यक्ष इस्तीफा दें|
पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में पार्टी संसदीय दल का नेता चुनने पर चिराग ने कहा कि सदन के नेता की नियुक्ति संसदीय समिति के फैसले के आधार पर होती है, न कि सांसदों के चाहने से ।पासवान ने कहा कि,''सदन के नेता की नियुक्ति संसदीय समिति का फैसला है, न कि मौजूदा सांसद...
लोजपा नेता चिराग पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा, "पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोजपा का नेता घोषित करने का निर्णय हमारी पार्टी के संविधान के प्रावधान के विपरीत है।" उन्होंने अध्यक्ष से उनके पक्ष में नया सर्कुलर जारी करने का अनुरोध किया।