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यूपी बोर्ड परीक्षा 2021: पंचायत चुनावों की वजह से टल सकती है बोर्ड परीक्षाएं

  • by: news desk
  • 23 March, 2021
यूपी बोर्ड परीक्षा 2021:  पंचायत चुनावों की वजह से टल सकती है बोर्ड परीक्षाएं

लखनऊ: यूपी में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के कारण यूपी बोर्ड परीक्षा (उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ) के कार्यक्रम में बदलाव तय माना जा रहा है। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं 24 अप्रैल से होनी थी पर पंचायत चुनाव के कारण अब मई के पहले सप्ताह से हो सकती हैं।




पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग 27 मार्च को अधिसूचना जारी करने की तैयारी में हैं। ऐसे में चुनाव सम्पन्न करवाने के लिए कम से कम 42 दिन का समय चाहिए जिसे देखते हुए कहा जा रहा है कि बोर्ड परीक्षा की तारीखें मई के पहले सप्ताह तक खिसक सकती हैं।फिलहाल अभी यूपी पंचायत चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं।




सुप्रीम कोर्ट यूपी पंचायत चुनाव में आरक्षण के मामले में 26 मार्च को सुनवाई करेगा| सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें वर्ष 2015 को आधार वर्ष मानकर उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में सीटों के लिए आरक्षण लागू करने का आदेश दिया गया था|26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट यूपी पंचायत चुनाव के नई आरक्षण सूची मामले की सुनवाई करेगा| 




बता दें कि यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 अप्रैल से 12 मई तक कराने का कार्यक्रम घोषित किया था| हालांकि अब पंचायत चुनावों के मद्देनजर इन तारीखों का आगे बढ़ाया जाना तय माना जा रहा है|राज्य निर्वाचन आयोग 30 अप्रैल तक मतदान की प्रक्रिया पूरी कर तीन-चार मई में मतगणना करा सकता है| हाईकोर्ट के आदेश से पहले चार चरणों में 23 अप्रैल तक मतदान की प्रक्रिया पूरी करने का प्रोग्राम था लेकिन अब फिर से सीटों के आरक्षण करने के बाद पूरा कार्यक्रम ही आगे खिसक गया है|




उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा है कि पंचायत चुनावों के बाद ही यूपी बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी| बोर्ड परीक्षाओं की नई तारीखें पंचायत चुनावों की मतगणना की तारीख के मुताबिक ही तय की जाएंगी| उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव कराने के लिए 42 दिन का कार्यक्रम बनाया गया था जो कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब आगे खिसक गया है और ये मई के शुरुआती हफ्ते तक चल सकता है| चुनाव आयोग की तरफ से भी सुझाव आया है कि परीक्षाओं को टाल दिया जाए|





बता दें कि,'' पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पंचायत चुनाव में 2021 के आरक्षण फॉर्मूले को खारिज करते हुए 2015 के चक्रानुक्रम के आधार पर नए सिरे से सीटों के आवंटन व आरक्षण का आदेश दिया था| हाईकोर्ट ने कहा था कि  वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पंचायत चुनाव आरक्षण में 2015 को आधार माना था| 




उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कहा था कि,'' वह वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है। इस पर न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने 25 मई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराने के आदेश पारित कर दिए थे  हाईकोर्ट ने चुनाव की प्रक्रिया 25 मई तक पूरी कराने का आदेश भी दिया था|



उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों में 2015 के आधार पर जारी नई आरक्षण सूची को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई| लखनऊ हाई कोर्ट के वकील अमित कुमार सिंह भदौरिया के मुवक्किल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है| इसमें लखनऊ हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है| दिलीप कुमार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले पर विचार किया जाना चाहिए| याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि हाईकोर्ट में उनका पक्ष नहीं सुना गया|






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