लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक महीने पहले लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण के बाद फिरौती दिलाने और फिर उसकी हत्या की घटना को लेकर राजनीतिक दलों ने कानपुर पुलिस और उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। राजनीतिक दलों के साथ जनता भी अब पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ आवाज उठाने लगी है।
लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण और हत्या को लेकर विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा है| कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा और बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश में जगंलराज कायम होने की बात कही है, वहीं पूर्व सीएम एवं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करके पुलिस पर सवाल उठाए हैं। यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाया है।
अपहृत संजीत यादव की हत्या पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट करते हुए कहा है उप्र में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। आम लोगों की जान लेकर अब इसकी मुनादी की जा रही है। घर हो, सड़क हो, ऑफिस हो कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता। विक्रम जोशी के बाद अब कानपुर में अपहृत संजीत यादव की हत्या। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि ''खबरों के मुताबिक पुलिस ने किडनैपर्स को पैसे भी दिलवाए और अब उनकी हत्या कर दी गई। एक नया गुंडाराज आया है। इस जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी है।
यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने भी कानपुर की घटना पर ट्वीट करते हुए कहा है कि अपहृत संजीत यादव के क़त्ल के बाद कानपुर पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को फिरौती दिलवाई। कहा, जाल' बिछाया था, क्या जाल बिछाने के लिए 30 लाख से भरे बैग की ज़रूरत थी? कांग्रेसजनों ने तभी मामले को उठाया पर तवज़्ज़ो नहीं मिली। बिलखती मां-बहन के असली गुनहगार क्या सिर्फ़ अपहरणकर्ता हैं?
सपा प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा है कि कानपुर से अपहृत इकलौते बेटे की मौत की ख़बर दुखद है। चेतावनी देने के बाद भी सरकार निष्क्रिय रही और अब सरकार 50 लाख का मुआवज़ा दे। सपा मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये की मदद देगी। अब कहां है दिव्य-शक्ति संपन्न लोगों का भयोत्पादक प्रभा-मंडल व उनकी ज्ञान-मंडली। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करके पुलिस पर सवाल उठाए थे। उन्होंने लिखा है कि कानपुर से अपहृत युवक का अब तक कोई पता नहीं चला है। शासन एवं पुलिस प्रशासन दोनों इस मामले में पूरी तरह से निष्क्रिय क्यों हैं? आशा हैं? युवक सही सलामत अपने परिवार तक पहुंच पाएगा। यह अपहरण भाजपा के राज के शर्मनाक क्षरण का प्रतीक है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सरकार से सवाल किया हैं| उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में तुरंत हरकत में आए| मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट किया,''यूपी में जारी जंगलराज के दौरान एक और घटना में कानपुर में अपहरणकर्ताओं द्वारा श्री संजीत यादव की हत्या करके शव को नदी में फेंक दिया गया जो अति-दुःखद व निन्दनीय। प्रदेश सरकार खासकर अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यव्स्था के मामले में तुरन्त हरकत में आए, बीएसपी की यह माँग है।
गौरतलब कि कानपुर के बर्रा (Barra) से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण फिरौती के लिए उसके दोस्त ने साथियों के साथ मिलकर किया था| 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी| बृहस्पतिवार रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है|
लैब टेक्नीशियन के रिश्तेदार का दावा है कि उन्होंने अपहरणकतार्ओं को 30 लाख रुपये की फिरौती दी है| लेकिन आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल का कहना है कि अब तक की जांच के अनुसार हमने पाया कि कोई फिरौती की राशि नहीं दी गई है, फिर भी हम सभी एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं|