लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की एक दलित युवती से कथित गैंगरेप और हत्याकांड मामले में चारों आरोपियों पर सीबीआई ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया| सीबीआई ने आज यानी शुक्रवार को हाथरस मामले में एक विशेष एससी / एसटी अदालत में आरोप पत्र दायर किया | CBI की चार्जशीट के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर हमला बोला है और कहा,''सत्यमेव जयते''
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को ट्विटर कर लिखा,एक तरफ सरकार सरंक्षित अन्याय था। दूसरी तरफ परिवार की न्याय की आस थी। पीड़िता का शव जबरदस्ती जला दिया गया। पीड़िता को बदनाम करने की कोशिशें हुईं। परिवार को धमकाया गया। उन्होने आगे कहा कि लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई। सत्यमेव जयते.....#HathrasCase
हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव के बेहद चर्चित कांड में सीबीआइ ने 22 सितंबर को दिए गए पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाया है। सीबीआई की टीम ने अब निर्णय कोर्ट पर छोड़ दिया है। सीबीआई हाथरस मामले के पीड़ित के भाई को मनोवैज्ञानिक आकलन के लिए गुजरात ले जाएगी|
आरोपी के वकील मुन्ना सिंह पुंडीर ने कहा कि, "सीबीआई ने सभी 4 आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया।"अदालत के बाहर आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने कहा कि CBI ने चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर रेप और हत्या का आरोप लगाया गया है| साथ ही उन्होंने बताया,'' सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप लगाए हैं|
हाथरस कांड में सीबीआइ संदीप, लवकुश, रवि व रामू के खिलाफ दो महीने से पड़ताल कर रही थी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने केस सीबीआइ को जांच के लिए सौंपा था, जिसकी सीबीआइ बीते दो महीने से जांच में जुटी थी। सीबीआइ ने हाथरस में सक्षम न्यायालय में संदीप, लवकुश, रवि व रामू के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। सीबीआइ ने 11 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर और भारत सरकार से आगे की अधिसूचना पर मामला दर्ज किया था।
उल्लेखनीय है कि,''14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में कथित रूप से गैंगरेप और प्रताड़ना की शिकार हुई 20 साल की पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी| 30 सितंबर को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में देर रात उसका अंतिम संस्कार हाथरस में कर दिया गया|
इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी 30 सितंबर की रात उसके घर के पास रात में अंत्येष्टि कर दी गई थी। युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने आनन-फानन में अंत्येष्टि करने के लिए उन पर दबाव डाला था।हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि "परिवार की इच्छा के अनुसार" अंतिम संस्कार किया गया था|