लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में क्षेत्र व जिला पंचायत में चक्रानुक्रम आरक्षण पूरा होने पर नए सिरे से आरक्षण तय किया जा सकता है। योगी सरकार ने कहा कि पंचायत चुनाव 15 मार्च से सात अप्रैल के बीच हो जाएंगे| आगे 21-21 दिन की अधिसूचना पर जिला पंचायतों के अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायतों के प्रमुखों का चुनाव संपन्न होगा|
मंगलवार को प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि,''पंचायत चुनाव समय से कराना सरकार की प्राथमिकता है। अनुमान है कि चुनाव मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में हो जाएंगे। आगे 21-21 दिन की अधिसूचना पर जिला पंचायतों के अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायतों के प्रमुखों का चुनाव संपन्न होगा|
इससे पहले मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया था कि 10 जनवरी को इस बाबत एक अहम बैठक होने वाली है। उन्होंने स्पष्ट किया था,'जिला पंचायतों का आरक्षण राज्य मुख्यालय से तय होता रहा है और इस बार भी ऐसे ही होगा बाकी ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत की सीटों का आरक्षण जिला मुख्यालय से ही तय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 मार्च से अप्रैल के पहले सप्ताह के बीच यूपी में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव करवा लिए जाएंगे। पंचायतीराज विभाग इसी समय सीमा के आधार पर अपनी तैयारी कर रहा है। परिसीमन पूरा होने के बाद आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण का चक्रानुक्रम फार्मूला
- पहले एसटी महिला, फिर एसटी महिला/पुरुष।
- पहले एससी महिला, फिर एससी महिला/पुरुष।
- पहले ओबीसी महिला, फिर ओबीसी महिला/पुरुष।
- अगर तब भी महिलाओं का एक तिहाई आरक्षण पूरा न हो तो महिला।
- इसके बाद अनारक्षित।