लखनऊ: यूपी पंचायत आरक्षण को बदलाव करते हुए योगी कैबिनेट ने पंचायत आरक्षण प्रणाली बदल दी हैं। संशोधन के जरिए योगी कैबिनेट ने पास किया, आरक्षण प्रणाली में अचानक बदलाव किया हैं। यूपी में आगामी पंचायत चुनाव के मद्देनजर पंचायतों के आरक्षण प्रस्ताव पर मुहर लग गई है।
योगी सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में 12 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इसके तहत यूपी में आगामी पंचायत चुनाव के मद्देनजर पंचायतों के आरक्षण प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। इसके अलावा ,''उत्तर प्रदेश कैबिनेट द्वारा आज "यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021" के साथ "यूपी लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक 2021" से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। 18 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में इन्हें पटल पर रखा जाएगा।
➡यूपी सरकार ने पंचायत आरक्षण को बदला
➡कैबिनेट ने पंचायत आरक्षण प्रणाली बदली
➡संशोधन के जरिए कैबिनेट ने पास किया
➡आरक्षण प्रणाली में अचानक बदलाव किया
➡यूपी सरकार ने कैबिनेट के जरिए संशोधन किया
➡हाईकोर्ट के आदेश के बाद चुनाव होने हैं।
4 फरवरी, 2021 को हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव की तिथि का ऐलान कर दिया था| 17 मार्च से पहले आरक्षण की लिस्ट आनी थी। लिस्ट आने के पहले सरकार ने संशोधन किया कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने प्रस्ताव रखा था अब कई जिलों में पंचायत सीटें प्रभावित होंगी। जल्दी शासनादेश सरकार के द्वारा जारी किया जाएगा।
पंचायतों के आरक्षण समेत इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी
पंचायतों के आरक्षण का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है।
कौशाम्बी में निर्माणाधीन 15 सूट गेस्ट हाउस से जुड़ा प्रस्ताव मंजूर मिली है।
गोरखपुर में एनेक्सी भवन के रेनोवेशन, सौंदर्यीकरण व रिमॉडलिंग से जुड़ा प्रस्ताव मंजूर दी गई है।
न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स से जुड़े प्रस्ताव पर मुहर लगी है।
नमामि गंगे विभाग के अंतर्गत यूपी अटल भूजल योजना के संचालन व क्रियान्वयन की प्रक्रिया व गाइडलाइंस का प्रस्ताव पास हुआ है।
यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।
यूपी लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक 2021 को मंजूरी दी गई है।
अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु पर ग्रेच्युटी की सुविधा देने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी गई है
बता दें कि 4 फरवरी को कोर्ट ने आयोग को 30 अप्रैल तक पंचायत चुनाव कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को 17 मार्च तक सीटों का आरक्षण पूरा करने का भी आदेश दिया था। यह आदेश न्यायमूर्ति एमएन भंडारी व न्यायमूर्ति आरआर अग्रवाल की खंडपीठ ने विनोद उपाध्याय की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद-243 के तहत 13 जनवरी कार्यकाल समाप्त होने के पहले चुनाव करा लेना चाहिए था।इ लाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पंचायत चुनाव के लिए 17 मार्च तक आरक्षण का कार्य पूरा करने के निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रधान, जिला पंचायत सदस्यों और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव की तिथियों को भी निर्धारित कर दिया है। कोर्ट ने इसके साथ ही निर्देश दिया है कि 30 अप्रैल तक ग्राम प्रधान, 15 मई तक जिला पंचायत सदस्य और 15 मई तक ही ब्लॉक प्रमुख के चुनाव कराएं। हाईकोर्ट ने 15 मई तक सभी पंचायतों के गठन का आदेश दिया था।