लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए 7 विधायकों को निलंबित किया। राज्यसभा चुनाव से पहले बगावत करने वाले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के सात विधायकों को मायावती ने गुरुवार को निलंबित कर दिया है|
बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने विधायक असलम राइनी (भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज) , हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर) और वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़) को पार्टी से निलंबित कर दिया है
बता दें कि,'उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव से पहले बसपा के 7 विधायक अपनी ही पार्टी में बागी हो गए हैं। उन्होंने बसपा सुप्रीमो पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।बसपा के प्रत्यशी रामजी गौतम के 10 प्रस्तावकों में से 5 प्रस्तावकों ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया।इसके बाद 5 विधायकों ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की|
बसपा के कुछ विधायकों के पाला बदलकर सपा का दामन थामने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गठबंधन के पूर्व सहयोगी अखिलेश यादव पर हमला बोला है| उन्होंने कहा कि सपा को हराने के लिए अगर BSP विधायकों को भाजपा को वोट करना पड़े तो वह भी किया जाएगा|
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि,'सपा को हराने के लिए अगर भाजपा को भी वोट देना पड़े तो वो कोई हिचक नहीं करेंगी| मायावती ने कहा कि एमएलसी के चुनाव में सपा के दूसरे उम्मीदवार को हराने के लिए पूरा जोर लगाएंगे| इसके लिए अगर हमें बीजेपी को वोट देना पड़ेगा तो हम देंगे|
मायावती ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हमारी पार्टी ने फैसला किया है कि उत्तर प्रदेश में भविष्य में होने वाले विधानसभा परिषद के चुनाव में हम समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को किसी भी हाल में जीतने नहीं देंगे। सपा के प्रत्याशी को हराने के लिए हम पूरी ताकत लगा देंगे और अगर इसके लिए हमें अपना वोट भाजपा प्रत्याशी या किसी और पार्टी के प्रत्याशी को देना पड़ा तो हम दे देंगे।'
मायावती ने कहा कि 1995 के केस को वापस लेना हमारी बड़ी गलती थी| जब हमने लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद समाजवादी पार्टी के व्यवहार को देखा, तो हमने महसूस किया कि हमने उनके खिलाफ 2 जून 1995 के मामले को वापस लेते हुए एक बड़ी गलती की है और हमें उनके साथ हाथ नहीं मिलाना चाहिए था। हमें थोड़ा गहराई से सोचना चाहिए
मायावती ने कहा कि,''मैं यह बताना चाहता हूं कि जब हमने यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए सपा के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो हमने इसके लिए बहुत मेहनत की लेकिन हमारे गठबंधन के पहले दिन से ही सपा प्रमुख एससी मिश्रा से कहते रहे कि जब से बसपा-सपा ने हाथ मिलाया है,तो बहनजी को 2 जून के मामले को भूला कर केस वापस ले लेना चाहिए, चुनाव के दौरान केस वापस लेना पड़ा|