कोरोना वायरस के बीच उत्तर प्रदेश में जाति की राजनीति के नए-नए अध्याय खोले जा रहे हैं। अब यूपी में ब्राह्मण वर्ग को लुभाने में जुट गए हैं। समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के हर जिले में भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाई जाएगी। वहीं, अब बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने भी ब्राह्मणों को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा ऐलान किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि कोरोना के मद्देनजर राज्य/केंद्र सरकार की कमियों को ध्यान में रखते हुए यूपी में BSP की सरकार बनने पर ब्राम्हण समाज की आस्था के प्रतीक परशुराम और सभी जातियों, धर्मों में जन्मे महान संतों के नाम पर अस्पताल व सुविधा युक्त ठहरने के स्थानों का निर्माण किया जाएगा|
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि,''चार बार बनी BSP सरकार ने सभी वर्गों के महान संतों के नाम पर अनेक जनहित योजनाएं शुरू की थीं और जिलों के नाम रखे थे जिसे बाद में आई सपा सरकार ने जातिवादी मानसिकता और द्वेष की भावना के चलते बदल दिया था। बसपा की सरकार बनते ही इन्हें फिर से बहाल किया जाएगा|
मायावती ने कहा कि,''यदि SP सरकार को परशुराम की प्रतिमा लगानी ही थी तो अपने शासन काल के दौरान ही लगा देते। बसपा किसी भी मामले में सपा की तरह कहती नहीं है कर के भी दिखाती है। बसपा की सरकार बनने पर सपा की तुलना में परशुराम जी की भव्य मूर्ति लगाई जाएगी:
5.08 को जब PM ने राम मंदिर का शिलान्यास किया तो अच्छा होता अगर वो उस समय दलित समाज से जुड़े अपने राष्ट्रपति हैं उनको भी साथ में ले जाते। कुछ दलित संत भी चिल्लाते रहे कि हमें नहीं बुलाया गया। उनको नहीं बुलाया पर राष्ट्रपति को बुला लेते तो अच्छा संदेश जाता: बसपा प्रमुख मायावती